रिजर्व बैंक की डिजिटल मुद्रा ‘सीबीडीसी’ को विनिमय का आकर्षक साधन बनना है तो उसे नकदी, बैंक डिपॉजिट, डिजिटल वैलेट के मुक़ाबले ज्यादा आकर्षक बनना होगा, लेकिन तकनीक और कनेक्टिविटी के कारण दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.
अगर भागवत का समावेशिता का आह्वान वास्तविक है, तो उन्हें अपने वैचारिक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विघटनकारी तत्वों के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए.