खुदरा लिहाज से पिछले महीने की तुलना में साबुत हल्दी और हल्दी पाउडर दोनों के दाम बढ़े हैं. हल्दी पाउडर के दाम जहां 200-230 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 250-270 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, वहीं साबुत हल्दी के भाव 40-60 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 85-100 रुपये प्रति किलो हो गए हैं.
ऐसे में जब असम चुनावों की ओर बढ़ रहा है, राज्य के 300 चाय बाग़ानों को बिज़नेस कॉरेस्पॉण्डेंट्स के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. लगभग 90 एटीएम भी लगाए गए हैं.
सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार चीनी निवेश प्रस्तावों को ‘गति देने’ की योजना बना रही है, जो मुख्यत: विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित हैं. साथ ही जोड़ा कि इसके पीछे विचार ‘धीरे-धीरे और स्थिरता के साथ आर्थिक संबंधों को फिर से बहाल करना है.’
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ लेने के लिए सीतारमण ने पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड वृद्धि की थी.
भारत तांबे का एक प्रमुख निर्यातक था, लेकिन स्टर्लाइट प्लांट के बंद होने से, अब वो एक आयातक में तब्दील हो गया है. निर्यातकों का कहना है, कि इससे पाकिस्तान को फायदा पहुंचा है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े में यह जानकारी दी गयी है. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
तेल पर टैक्स को सरकार कठिन वित्तीय परिस्थितियों से बाहर निकलने के उपाय के तौर पर इस्तेमाल करती है, लेकिन इससे मुद्रास्फीति और पेट्रोलियम उत्पादों पर अत्यधिक निर्भरता जैसी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
नीति आयोग ने केंद्र और राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने और देश में इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने का खाका तैयार कर लिया है.