निरानाराम चेतनराम चौधरी को पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था. कोर्ट ने पुष्टि करते हुए कहा था कि जब सितंबर 1994 में उसे पुणे में सात लोगों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उस समय वह किशोर था.
यूपी पुलिस ने अदालत को बताया था कि अतीक अहमद ने बयान में आईएसआई और लश्कर के साथ संबंधों को स्वीकार किया और बताया कि कैसे उमेश पाल की हत्या की साजिश 'जेल में रची गई' थी. वकीलों का कहना है कि 'पुलिस वर्जन' अदालत में मान्य नहीं है.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका परिवार सवालों के घेरे में आ गया था. अतीक अहमद को इसी मामले में दोषी ठहराया गया है, इसके खिलाफ पिछले 43 वर्षों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं.
प्रयागराज के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बृहस्पतिवार को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड में 4 की दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
छापेमारी ऐसे समय में की गई जब अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में अदालत में पेश करने के लिए दूसरी बार गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था.
प्रयागराज पुलिस ने शनिवार को अतीक अहमद के आवास पर छापा मारा, जिसके दौरान उन्होंने एक पोस्टर बरामद किया, जिसमें लिखा था 'रात कितनी भी काली हो सवेरे जरूर होता है.'
जहां विदेशी पायलटों को काफी अधिक वेतन पर रखा जाता है, वहीं भारतीय पायलटों के वेतन पिछले एक दशक से स्थिर हैं, और कोविड-19 महामारी के बाद भत्तों में भी कटौती की गई है.