शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को मौत की सजा बहाल रखने के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दोषी मुकेश कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिकायें खारिज कर चुकी है.
पीड़िता की बहन ने दिप्रिंट से कहा, 'ये क्या न्याय है? इस केस में पीड़िता को सेंगर तक पहुंचाने वाली शशि सिंह को छोड़ दिया गया है. वो एक खतरनाक औरत है. वही तो थी जो मेरी बहन को सेंगर के पास ले गई थी.
एक दौर ऐसा भी था जब यूपी की सियासत में कुलदीप सेंगर की तूती बोलती थी. उसने हर दल की राजनीति की लेकिन इस केस ने उनके सियासत पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं.
पुलिस के मुताबिक, सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस दौरान हुए घटनाक्रमों के चलते पीड़ित एम्स में भर्ती है.
पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में हमने पाया कि दिल्ली में दुष्कर्म के कुल मामलों में से 63 प्रतिशत मामलों में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध किया गया था.'