दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में ज़ाइडस कैडिला के अध्यक्ष पंकज आर पटेल ने कहा है कि कंपनी ने पहले और दूसरे फेज़ के क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए वैक्सीन कैंडिडेट के क्लीनिकल बैचेज़ पहले ही बना लिए हैं.
डॉक्टर रेड्डी ने कहा कि कोविड के मामले में 90 प्रतिशत लोगों को इलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती. वहीं, मुश्किल से 6-7 प्रतिशत लोगों को आईसीयू की जरूरत पड़ती है.
आईसीएमआर ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुने गए 13 संस्थानों को लिखा है कि वो सभी मंजूरी में तेज़ी लाए लेकिन प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस में किसी तरह की कोताही पर आगाह भी किया.
अस्पताल मालिकों की शिकायत है कि कोविड इलाज पर जो कैपिंग हुई है उससे छोटे अस्पताल मालिकों को धक्का लगा है. कुछ अस्पताल मालिक दिल्ली सरकार को खत लिखने की योजना बना रहे हैं कि वह उनके अस्पतालों को टेकओवर कर ले और एवज में जो कमाई पहले हो रही थी उतना पैसा दे दे.
शीर्ष फार्मा एक्सपोर्ट बॉडी, फार्माएग्जिल ने फार्मास्युटिकल विभाग को पत्र लिखकर सरकारी हस्तक्षेप की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि दवा निर्माता विनिर्माण में तेजी से व्यवधान का सामना कर रहे हैं.
आशा कर्यकर्ताओं का सवाल है कि सरकारी कर्मचारी का दर्जे देने की मांग पर सरकार ख़ामोश क्यों है? दिप्रिंट द्वारा इससे जुड़े सवाल का स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया.
सरकार के इस डिजिटाइजेशन प्लान का लक्ष्य आधार की तर्ज पर सभी नागरिकों को यूनिक हेल्थ आईडी उपलब्ध कराना और पूरी तौर पर एक इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड तैयार करना है.