डॉक्टर फहीम को उम्मीद है कि जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है उन्हें इस साल के अंत या अलगे साल की शुरुआत से हरी झंडी मिलने का काम शुरू हो जाएगा. हालांकि, 70 प्रतिशत लोगों तक इसके पहुंचने में तकरीबन तीन साल तक का समय लग सकता है.
आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को नए मामलों की संख्या 65,000 से कम रही. वहीं 56 लाख से अधिक लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 84.70 फीसदी हो गई.
भारत में कोविड-19 के मामले सोमवार को 66 लाख के पार पहुंच गए. वहीं, 55,86,703 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद देश में मरीजों के ठीक होने की दर 84.34 प्रतिशत हो गई.
अध्ययन के मुताबिक करीब 52 प्रतिशत मेट्रो-बेस्ड डॉक्टरों ने टेलिमेडिसिन की तरफ रुख किया. इसकी तुलना में नॉन-मेट्रोपोलिटन क्षेत्रों के डॉक्टरों का प्रतिशत 44 रहा.
देश में अब तक संक्रमण से कुल 1,01,782 लोगों की मौत हुई है जिनमें से महाराष्ट्र में 37,758, तमिलनाडु में 9,718, कर्नाटक में 9,219, उत्तर प्रदेश में 5,977, आंध्र प्रदेश में 5,941, दिल्ली में 5,472, पश्चिम बंगाल में 5,132, पंजाब में 3,562, गुजरात में 3,487 लोगों की मौत हुई.
एक सूत्र ने बताया, 'डॉक्टर रेड्डीज ने रूस द्वारा विकसित कोविड-19 टीके स्पूतनिक-5 के मानव शरीर पर तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी लेने के लिये डीसीजीआई में आवेदन दिया है. डीसीजीआई मंजूरी देने से पहले आवदेन का तकनीकी मूल्यांकन करेगा.'