भारत में कोविड-19 के मामले सोमवार को 66 लाख के पार पहुंच गए. वहीं, 55,86,703 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद देश में मरीजों के ठीक होने की दर 84.34 प्रतिशत हो गई.
अध्ययन के मुताबिक करीब 52 प्रतिशत मेट्रो-बेस्ड डॉक्टरों ने टेलिमेडिसिन की तरफ रुख किया. इसकी तुलना में नॉन-मेट्रोपोलिटन क्षेत्रों के डॉक्टरों का प्रतिशत 44 रहा.
देश में अब तक संक्रमण से कुल 1,01,782 लोगों की मौत हुई है जिनमें से महाराष्ट्र में 37,758, तमिलनाडु में 9,718, कर्नाटक में 9,219, उत्तर प्रदेश में 5,977, आंध्र प्रदेश में 5,941, दिल्ली में 5,472, पश्चिम बंगाल में 5,132, पंजाब में 3,562, गुजरात में 3,487 लोगों की मौत हुई.
एक सूत्र ने बताया, 'डॉक्टर रेड्डीज ने रूस द्वारा विकसित कोविड-19 टीके स्पूतनिक-5 के मानव शरीर पर तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी लेने के लिये डीसीजीआई में आवेदन दिया है. डीसीजीआई मंजूरी देने से पहले आवदेन का तकनीकी मूल्यांकन करेगा.'
मुंबई देश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में से एक है. यहां अभी तक संक्रमण के दो लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और करीब नौ हजार लोगों की इससे मौत हुई है.
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 81,484 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 64 लाख से अधिक हो गई. वहीं, 53 लाख से अधिक लोग संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं जिससे मरीजों के ठीक होने की दर 83.70 प्रतिशत हो गई है.
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.