स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं.
पिछले कुछ दिनों में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, देश भर में प्रतिदिन लगभग 3,000 मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली एनसीआर में हर रोज संक्रमण की संख्या 400 से अधिक देखी जा रही है.
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा है कि अस्पताल में आने वाले खांसी व जुकाम के मरीज़ों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है.
आंदोलनकारी डॉक्टरों का मानना है कि विधेयक लाने का इरादा सिर्फ मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना नहीं है बल्कि चुनावी वर्ष में राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है. सरकार आगे बढ़ने के अपने फैसले पर अडिग है.
प्रवक्ता के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि देखने को मिली है. 28 मार्च को राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 340 थी.
मॉकड्रिल के दौरान सभी अस्पतालों में एंबुलेंस, एडमिशन फैसिलिटी, इमर्जेन्सी सर्विस, कोविड वार्ड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता सहित व्यवस्थाओं का विश्लेषण किया गया.
दिल्ली में पहली डीएमडी जागरूकता रैली में मरीज़ों के परिवारों ने भारत में रिसर्च, सस्ती दवाओं और इलाज के लिए प्रोटोकॉल के लिए फंड की मांग करते हुए चिंता ज़ाहिर की.
एक समय था जब भारतीय लोग तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी होने का सपना देखते थे. अब, चीनी इतने आगे हैं कि वे हमें प्रतिस्पर्धी भी नहीं मानते. यह उनके और अमेरिका के बीच की बात है.