घटती हुई जनसंख्या, परंपराओं का कमजोर होना और राष्ट्रीय स्तर पर कम होती उपस्थिति ने बेंगलुरु और आस-पास के कोडागु क्षेत्र में कोडवा समुदाय में जल्द कदम उठाने की जरूरत महसूस करवाई है.
मंचन में रामायण की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाया गया — सीता स्वयंवर और राम के वनवास से लेकर सीता के अपहरण और रावण के वध तक. राजनीतिक नेताओं से भरे दर्शकों ने जय श्री राम के नारे लगाकर उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी, जिसमें कुछ उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं.
मथुरा-वृंदावन रसूखदारों के लिए वीकेंड हॉटस्पॉट बन गया है. परिक्रमा से लेकर पैराग्लाइडिंग तक, यह सब रील्स के लिए है, लेकिन कुछ निवासी खुश नहीं हैं. 'हमें भक्ति चाहिए, भीड़ नहीं.'
बिहार खेलों में पिछड़े वर्ग से पदक पावरहाउस बनना चाहता है. यह स्टेडियमों का निर्माण कर रहा है, प्रशिक्षकों को नियुक्त कर रहा है, और 40,000 स्कूलों में प्रतिभा खोज चला रहा है - लेकिन यह अभी भी दशकों की शिथिलता से जूझ रहा है.
2014 में पूर्वोत्तर के छात्र निडो तानिया की हत्या के बाद, NESSDU ने पुलिस और राजनीतिक समर्थन प्राप्त किया. अब यह संगठन छात्र कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राजनीति से हट रहा है, लेकिन इसके साथ ही यह अपनी धन और प्रभाव को खोता जा रहा है.
जैसे ही ओझा के AAP जॉइन करने की खबर टीवी स्क्रीन पर दिखाई दी, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के कई व्हाट्सएप ग्रुप्स में हलचल मच गई. कुछ टीचर्स हंसे, तो वहीं कई ने उनके इस कदम की सराहना की.
मटुआ संप्रदाय के दलित सदस्यों का कहना है कि सीएए नियमों ने उनकी नागरिकता की उम्मीदों को कुचल दिया है. 'बांग्लादेश में साथी मटुआओं को सनातनी होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है.
छात्र लीग के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने कहा, ‘छात्र लीग के 50 लाख से ज़्यादा नेता और कार्यकर्ता हैं. लीग के 15 सालों के युवा आइकन, हमें रातों-रात आतंकवादी करार दे दिया गया.’
‘सिटीज़, सिटिज़न्स, क्लासरूम्स एंड बियॉन्ड: एसेज़ ऑन नारायणी गुप्ता’ के विमोचन में स्वप्ना लिडल, लोकेश ओहरी, रतीश नंदा और अमर फारूकी जैसे विद्वान एक साथ आए.
यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर प्रदेश के संभल के पूर्व निवासी मोहम्मद उस्मान को कब जेल में डाला गया था. लेकिन भारत विरोधी जिहादी होने का मतलब अब पाकिस्तानी जेलों में नरम व्यवहार की गारंटी नहीं है.