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शनिवार, 17 मई, 2025
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मेरठ ड्रम, जयपुर कांड से लेकर औरैया सुपारी तक — पति की हत्या भारत के छोटे शहरों का नया मुद्दा है

हाल के हफ्तों में पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या के मामले राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गए हैं. ‘अवैध’ प्रेमियों और खून-खराबे के पीछे एक कहानी और भी है.

तमिल की ‘कसम खाई दुश्मन’ कैसे बनी हिंदी, मोदी-स्टालिन विवाद से पहले की कहानी

हिंदी-तमिल विवाद एक बार फिर सामने आ गया है, जब मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तीन-भाषा नीति के ज़रिए हिंदी थोपने का आरोप लगाया. तमिलनाडु इस समय दो-भाषा नीति का पालन करता है.

ब्राह्मण, बीजेपी और वक्फ—तमिलनाडु में एक गांव की ज़मीन की लड़ाई की कहानी

तमिलनाडु के थिरुचेंदुरई गांव में वक्फ को लेकर हुआ विवाद अब संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक लाने का कारण बन गया है. यह अब हिंदुत्व की लोककथाओं का हिस्सा बन गया है.

केरल में वक्फ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अमित शाह का समर्थन मिलने से राज्य की सियायत क्यों बदली?

जब संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पास किया, तो मुनंबम गांव में 'जय मोदी' और 'जय अमित शाह' के नारे लगे. लेकिन प्रदर्शन करने वाले लोग कहते हैं कि वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक यह कानून पुराने समय से लागू नहीं किया जाता.

जोंटी भाटी ने ग्रेटर नोएडा को कुश्ती में पहचान दिलाई, अब हरियाणा को मिल रही चुनौती

हरियाणा में हर गांव में अखाड़ा होता है. ग्रेटर नोएडा में अभी तक ऐसी सुविधा नहीं है. लेकिन जोंटी इसे बदल रहे हैं, पहलवान के भाई ने कहा.

केरल में MDMA का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल, स्कूल, कॉलेज के छात्र नशा मुक्ति केंद्रों में उमड़े

पुलिस, राजनेताओं और पुजारियों ने हाल के महीनों में अपनी कोशिशें तेज़ कर दी हैं. ऑपरेशन डी-हंट से लेकर ऑपरेशन क्लीन स्लेट तक, राज्य ने नशीली दवाओं की छापेमारी, कार्रवाई और जब्ती को तेज़ कर दिया है.

1962 में LAC पर जबरन खाली कराए गए भूतहा गांव नेलोंग में जान फूंकने की मोदी सरकार की क्या है योजना

मोदी सरकार खोई हुई मातृभूमि की उस लंबी दर्दनाक याद को मिटाने की कोशिश कर रही है, जो 1962 के बाद नेलोंग के ग्रामीणों ने झेली थी.

दिल्ली में इफ्तारी का अंदाज़ बदला, गार्डन इफ्तार ट्रेंड में, सुंदर नर्सरी बनी नई पसंद

दिल्ली के सुंदर नर्सरी और लोधी गार्डन में इफ्तार अब धीरे-धीरे एक मज़ेदार पिकनिक का रूप ले रहा है. साथ ही, यह इंस्टाग्राम रील्स के लिए भी परफेक्ट बन रहा है.

बिहार का असली गॉडफादर भू-माफिया है, फर्ज़ी रसीदें, बाहुबल, कंगारू कोर्ट

2000 के दशक की शुरुआत में दानापुर में एक कट्ठा की कीमत 10 लाख रुपये से ज़्यादा नहीं थी. आज, यह रेजिडेंशियल उद्देश्यों के लिए एक करोड़ रुपये से ज़्यादा में बिकता है और बिजनेस के काम के लिए इसकी कीमत 1.5 से दो करोड़ रुपये तक हो सकती है.

मत-विमत

ट्रंप का कश्मीर को लेकर जुनून भारत के लिए खतरनाक है, नई दिल्ली को इसके लिए तैयार रहना चाहिए

1960 के दशक में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रयास ने पाकिस्तान को अपनी तलवार तेज करने के लिए प्रेरित किया था, न कि उसे हल चलाने के लिए प्रेरित किया था.

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ओडिशा: नाबालिग लड़की से बलात्कार के दोषी को 20 साल जेल की सजा

बारीपदा, 16 मई (भाषा) ओडिशा के मयूरभंज जिले की एक अदालत ने एक किशोरी के साथ बलात्कार के दोषी व्यक्ति को 20 साल...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.