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Sunday, 23 November, 2025
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‘हम भारत बनाते हैं, बिहार कौन बनाएगा?’ —छठ स्पेशल ट्रेन में सवार प्रवासियों की उदासी का सफर

यह बिहार का छठ महापर्व ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार—चुनाव—भी है. यह एक अहम पल है.

कैसे नेशनल म्यूजियम में एक ब्रिटिश शख्स के दौरे ने उपनिवेशवाद पर बहस छेड़ दी

नेशनल म्यूजियम के एक अधिकारी ने कहा कि भले ही भारत की कई कलाकृतियां दूसरे देशों में प्रदर्शित की जाती हैं, लेकिन दुनिया जानती है कि वे वास्तव में किसकी हैं.

सॉफ्ट बनो, ज़्यादा मुस्कुराओ, कभी पहले मैसेज मत करो—पुरुषों की नई दीवानगी है ‘फेमिनिन एनर्जी’

बिना सर्टिफिकेट वाले डेटिंग गुरू महिलाओं को सिखा रहे हैं कि उन्हें संकेतात्मक, रहस्यमयी और कभी फास्ट नहीं होना चाहिए. हमारे जैसी कुछ महिलाओं के लिए ये नाटक करना नामुमकिन है. बेहतर है हम हार मान लें और ब्रह्मा कुमारी बन जाएं.

कहां गया खजाना? वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के तोशखाने पर क्यों हो रहा विवाद

54 साल बाद जब खजाने का कमरा खोला गया, तो सामने आया सिर्फ मामूली सामान, उस विशाल सोने के खजाने की उम्मीद नहीं.

एयर जॉर्डन पीछे छूट गए, भारत में अब अपना स्नीकर्स सबकल्चर है—कोमेट, अनार, ज़ायडन, 7-10

हिंदी अक्षरों से लेकर टैश डिज़ाइन और कलाकारों के सहयोग तक, भारतीय ब्रांड भारत की अपनी स्नीकर कहानी गढ़ रहे हैं. "भारतीय ब्रांडों ने लोगों से ज़्यादा पैसे वसूलने की संस्कृति और आकांक्षा का निर्माण किया है."

दिल की बीमारी का इलाज आज भी ट्रायल और एरर पर निर्भर है. कैसे एक स्टार्ट-अप इसे बदलना चाहता है

भारत-विशिष्ट कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ डेटाबेस यह पता लगाने में मदद करेगा कि किसी व्यक्ति को भविष्य में हृदय रोग होने का खतरा है या नहीं. इससे इलाज और दवा अधिक सटीक तरीके से दी जा सकेगी.

पंजाब के कर्ज में डूबे किसान ग्रीन रेवोल्यूशन के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं

कर्ज़ के बोझ तले दबे किसान धान की खेती से चिपके रहते हैं, जबकि यह मिट्टी, पानी और भविष्य की संभावनाओं को बर्बाद कर देता है. "फसल विविधीकरण एक अच्छा शब्द है, लेकिन नीतिगत स्तर पर कुछ नहीं किया गया है."

हैदराबाद में आंखों का हॉस्पिटल AI को डॉक्टर की तरह सोचने के लिए ट्रेन कर रहा है

एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट के डॉक्टर 1.5 लाख कॉर्निया स्कैन पर एआई मॉडल को प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मी शुरुआती चरण में संक्रमण पहचान सकें. “मशीन एक साधारण फोटो से भी संक्रमण पहचान सकती है.”

बांग्लादेश की पहली महिला डायरेक्टर ऑस्कर रेस में. ‘ऐसे पात्र चाहिए थे जो बाधाएं तोड़ने में मदद करें’

लीसा गाजी की फिल्म ‘बारिर नाम शहाना’ कई मायनों में उनकी अपनी कहानी है – एक तलाकशुदा महिला जो इंग्लैंड में जीवन बनाने के लिए बांग्लादेश छोड़ देती है.

ब्रिटानिया, ज़ारा, वैन ह्यूज़न से लेकर अडाणी तक—बिहार में शुरू हुआ उद्योगों का नया युग

2016 से 2020 के बीच 1,238 फैक्ट्रियों को पहले चरण की मंज़ूरी मिली थी, जिससे 16,832 करोड़ रुपये का निवेश आया. 2020 के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 2,154 फैक्ट्रियों तक पहुंच गया और निवेश 90,503 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

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अगला नंबर ‘ममता दीदी’ और फिर सपा बहादुर अखिलेश यादव का है: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ, 23 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा भाजपा सरकार और...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.