अब तक, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में प्रवेश आम तौर पर बोर्ड परीक्षा में हासिल अंकों के प्रतिशत के आधार पर होता था. नए पैरामीटर में छात्रों को स्ट्रीम स्विच करने की आजादी हासिल रहेगी.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने संसद को बताया कि इतालवी फैशन और डिजाइन स्कूल इस्टिटूटो मारांगोनी और एक अनाम फ्रांसीसी संस्थान ने इस बारे में अपनी रुचि व्यक्त की है.
पिछले साल सीबीएसई ने घोषणा की थी कि 2022 के लिए बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित की जाएंगी. प्रमुख विषयों के लिए टर्म-1 परीक्षा पिछले साल 30 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच आयोजित की गई थी.
यूनिवर्सिटी/कॉलेजों की तरफ से आयोजित की जाने वाली नई परीक्षा नेट/जेआरएफ की पूरक होगी. पॉलिसी डॉक्यूमेंट में सिलेबस, क्वालीफाइंग मार्क्स, रिसर्च संबंधी गाइडलाइंस, सुपरवाइजर के कर्तव्यों आदि के बारे में बताया गया है.
यहां तक कि डिमांड और सप्लाई में एक बड़े अंतर की वजह से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में 90 पर्सेंटाइल में स्कोर करने वाले छात्रों को भी भारत में मेडिकल सीट मिल पाना सुनिश्चित नहीं हो सकता है.
यूजीसी ने प्रस्ताव दिया है कि इंजीनियरिंग, नीति, तथा संचार आदि क्षेत्रों में इंडस्ट्री एक्सपर्ट लाए जाएं, जो कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पूर्ण-कालिक और अंश-कालिक फैकल्टी सदस्यों के तौर पर पढ़ा सकें.
बोर्ड ने शुक्रवार को तिथि तालिका जारी करते हुए कहा कि दोनों परीक्षाओं के बीच इस बात को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त अंतर रखा गया है कि महामारी के कारण स्कूल बंद थे.
महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा है. परत-दर-परत खोलिए आप देखेंगे कि छह की छह पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं.