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शुक्रवार, 9 मई, 2025
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1991 के सुधारों के दायरे में बैंकिंग और वित्त क्षेत्र नहीं आए इसलिए अर्थव्यवस्था एक टांग पर चलने को मजबूर हुई

बैंकिंग पर प्रतिबंधों के कारण नये उद्यमियों के लिए संसाधन तक पहुंच हुई सीमित, पुराने इलीट हावी रहे लेकिन अब तो इस सब से मुक्त होना चाहिए.

कई बैंकों के शेयरों में उछाल- शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 400 अंक चढ़ा, निफ्टी 15,750 के पार

सेंसेक्स में सबसे अधिक तीन प्रतिशत की तेजी बजाज फाइनेंस में हुई. इसके अलावा टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे.

भारतीय उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अगर शुल्क बढ़ाएंगे, तो हम 1991 वाली स्थिति में पहुंच जाएंगे: मांटेक

दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में भूतपूर्व योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने अर्थव्यवस्था से जुड़े बहुत सारे विषयों पर बात की- जैसे सुधार, संरक्षणवाद, व्यापार, विकास आदि.

वैश्विक स्तर पर Covid की हालत में सुधार, पहली तिमाही में देश से कार, दोपहिया सभी वाहनों का निर्यात बढ़ा

चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में देश से कुल वाहन निर्यात बढ़कर 14,19,430 इकाई पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 4,36,500 इकाई का रहा था.

मोदी सरकार को कुछ कर दरों को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, कोई दूसरा रास्ता नहीं है

भारत सरकार कोविड के भुक्तभोगियों को राहत देने के लिए उस आमदनी और संपत्ति पर टैक्स दरों में वृद्धि न करने पर क्यों अडिग है जिन पर पहले से ही कम टैक्स लगाया जा रहा है?

सुधारों के लिए भारत को संकट का इंतजार था, जो नेहरू-इंदिरा के सोवियत मॉडल के चलते 1991 में आया

भारत में केंद्र द्वारा नियोजित अर्थव्यवस्था की शुरुआत 1950 के दशक में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अधीन हुई थी लेकिन 1991 में आकर वह अचानक चरमरा गई और देश भारी संकट में फंस गया.

भारत की वृद्धि दर FY2023 में 6.5-7% के बीच रह सकती है: CEA सुब्रमण्यम

सुब्रमण्यम ने कहा कि देश को महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है. टीकाकरण से कोविड-19 को एक सामान्य संक्रमण में तब्दील करना भी महत्वपूर्ण है.

पेट्रोल 35 पैसे, डीजल 15 पैसे और हुआ महंगा, देशभर में कीमतें नई ऊंचाई पर

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 101.54 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर है.

खाद्य पदार्थों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते जून में WPI घटकर 12.07% हुई

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति भी जून में घटकर 3.09 प्रतिशत रह गई, जो मई में 4.31 प्रतिशत थी. हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा हुआ.

भारत का औद्योगिक उत्पादन मई में 29.3% बढ़ा, जून में खुदरा महंगाई दर 6.26% रही

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मई महीने में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 34.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

मत-विमत

ऑपरेशन सिंदूर के साथ जुड़े ‘सरप्राइज़’, शो, साहस और संयम के पहलू

पाकिस्तान में और भारत में भी सबको पता था कि सवाल यह नहीं था कि हमले किए जाएंगे या नहीं बल्कि यह था कि वह कब किए जाएंगे. मोदी सरकार ने इन 14 दिनों का इस्तेमाल यह जताने के लिए किया कि उसे कोई हड़बड़ी नहीं है.

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