दरियागंज में लगने वाले पुस्तक बाज़ार को जुलाई में बंद कर दिया गया था. लेकिन अब इसे नया पता मिल गया है. हालांकि, इस नए पते को लेकर विक्रेताओं में मतभेद है.
मलखान सिंह की काव्य दृष्टि अत्यंत पीड़ादायी परिस्थितियों को देखकर बनी है. वे अपनी कविता में जाति के प्रश्न को बार-बार उठाते हैं. वे पूछते हैं कि क्या इस देश में हमारी पहचान केवल हमारी जाति से ही तय होगी?
हिंदू धर्म, समाज व्यवस्था और परंपरा में शूद्रों-अतिशूद्रों और महिलाओं के लिए तय स्थान को आधुनिक भारत में पहली बार जिस महिला ने संगठित रूप से चुनौती दी, उनका नाम सावित्री बाई फुले हैं.
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.