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Thursday, 28 November, 2024
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समाज-संस्कृति

क्यों हो रही है बॉलीवु़ड की पिटाई, कारण ट्रोल या कमज़ोर कंटेंट?

ओटीटी प्लेटफॉर्म ने भी बॉलीवुड को गिराने में अपनी भूमिका अदा की है.

BJP ने उदाहरण पेश किया, नीतीश ने अपनाया – बिहार के पाला बदलने वालों के बारे में उर्दू प्रेस ने क्या लिखा

उर्दू मीडिया ने इस सप्ताह कौन-कौन सी खबरों को कवर किया और उनमें से कितनी खबरों ने संपादकीय पेजों पर जगह बनाई. दिप्रिंट का राउंड-अप.

एकनाथ शिंदे-फडणवीस- महाराष्ट्र में सबसे बड़ी बगावत और परदे के पीछे का गणित

शिवसेना में बगावत करवाकर और शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही कि वो फिर एक बार सत्ता में आ गई.

दिमाग नहीं लगाएंगे तो मनोरंजन करेगी ‘रक्षा बंधन’

रक्षा बंधन फिल्म लड़के की आस में ऊल-जलूल हरकतें करते लोगों पर कटाक्ष करती है, दहेज की मांग करने वाले परिवारों पर वार करती है, लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाने की बात भी करती है.

भरी-पूरी होने के बावजूद दर्शकों की प्यास क्यों नहीं बुझा पाई ‘लाल सिंह चड्ढा’

यह फिल्म लाल सिंह चड्ढा के साथ-साथ चलते हुए भारत देश के समय और हालात को दिखाती है. दरअसल, यह फिल्म कहती तो बहुत कुछ है, लेकिन वह ‘कहना’ सुनाई नहीं देता.

सपनों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, अभी तक मेरा मास्टरपीस आया नहीं है: राजपाल यादव

राजपाल यादव ने कहा कि जब से दुनिया बनी तब से हंसी का बोलबाला है क्योंकि हम सबको मुस्कुराहट के लिए लाफ्टर तो चाहिए ही. मैं मानता हूं कि कठिन रूपी जीवन जीने के लिए आर्ट एक लाइफ सपोर्टर है.

किसान जीवन का द्वंद्व और जीवन की संभावनाओं की यात्रा है ‘ढलती सांझ का सूरज’

'ढलती सांझ का सूरज' किताब की सबसे अच्छी बात यह है कि ये एक ऐसी प्रासंगिकता भरी यात्रा है जो संजीदगी और शोध के जरिए लिखी गई है.

‘ED छापे मार सकती है लेकिन मामलों का बचाव नहीं कर सकती’- उर्दू प्रेस की इस हफ्ते की सुर्खियां

दिप्रिंट का राउंड-अप कि उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते की घटनाओं को कैसे कवर किया और उनमें से कुछ ने क्या संपादकीय रुख इख़्तियार किया.

आजादी के पहले सावरकर को कांग्रेस ने कहा था ‘रिक्रूटवीर’; बताया था अंग्रेजों का पिट्ठू

विभाजन के समय पाकिस्तान की तुलना में यदि सैन्य संतुलन भारत के विरुद्ध होता तो नए मुसलिम राष्ट्र ने भारतीय सीमावर्ती मुसलिम बहुल राज्यों-राजस्थान, गुजरात और यद्यपि बंगाल के मुसलिम बहुल क्षेत्रों को निगलने का प्रयास किया होता, जहां मुसलमानों की संख्या हिंदुओं से अधिक थी.

कितनी बार लुटा भारत का कोहिनूर, कैसे लंदन के संग्रहालय तक पहुंचा

यह फिल्म खत्म होते-होते यह सवाल भी छोड़ जाती है कि हम भारतीयों के लिए कोहिनूर के मायने क्या हैं-सदियों की विरासत, गौरवशाली इतिहास, भारत की पहचान, बेशकीमती रत्न, शापित हीरा या सिर्फ एक चमकता पत्थर?

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सेना में कुकी और मेइती, एक ही इकाई में सद्भाव के साथ काम करते हैं : जनरल द्विवेदी

(फोटो के साथ) पुणे, 27 नवंबर (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को कहा कि सेना एक ऐसी इकाई है जो...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.