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Thursday, 14 August, 2025
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नेशनल इंट्रेस्ट

वाजपेयी से लेकर भागवत तक: मोदी अपवाद और 75 में ‘रिटायरमेंट’ को लेकर BJP में क्यों नहीं होगी चर्चा

बीजेपी में, कम-से-कम शीर्ष स्तर पर पारिवारिक उत्तराधिकार का कोई उदाहरण नहीं मिलेगा. आप देख सकते हैं कि यह वाजपेयी-आडवाणी के दौर में भी हुआ. युवा प्रतिभा की पहचान और उसे मजबूती देने का यह चलन पार्टी अध्यक्ष के चयन के मामले में ज्यादा उल्लेखनीय दिखता है.

कच्छ से सीख, सिंदूर से संकेत: आसिम मुनीर के लिए भारत को 6 महीने, 2 और 5 साल की ठोस रणनीति की ज़रूरत

कच्छ पाकिस्तान के साथ हमारी सबसे भुला दी गई जंग है. उससे सीखने और अगले छह महीने, दो साल और पांच साल की योजना बनाने की ज़रूरत है.

न्यूयॉर्क, नया कॉमरेड: मेयर ज़ोहरान ममदानी और उनका देसी समाजवाद

ममदानी की मान्यताएं, गज़ा के लिए उनका समर्थन, मोदी या नेतन्याहू के प्रति उनकी नापसंद आदि की वजह से भारत में कई लोग उनके उत्कर्ष को एक और ‘भारतीय विजय’ के रूप में नहीं मना सकते हैं.

भारत एक बार फिर पाकिस्तान के साथ खुद को रि-हाइफ़नेट कर रहा है, अब ज़रूरत है एक नई 3D रणनीति की

चीन और पाकिस्तान की मजबूत रणनीतिक मिलीभगत का सामना करने के लिए भारत को तैयार रहना होगा. आदर्श स्थिति तो यही होगी कि उनसे एक-एक करके निबटना पड़े.

H-वर्ड, M-वर्ड और K-वर्ड के इर्द-गिर्द घूमता भारत-पाकिस्तान का विवाद, साथ में ट्रंप का तड़का

भारत को यह मंजूर नहीं है कि उसका मित्र अमेरिका इस क्षेत्र को भारत-पाकिस्तान के चश्मे से देखे. इससे भारत के प्रभाव क्षेत्र की पुष्टि नहीं होती, उसकी अहमियत कम हो जाती है.

ऑपरेशन सिंदूर भारत की दो मोर्चों पर लड़ी गई पहली लड़ाई है, बादशाह का शातिर मोहरा

चीन भारत को अपने ‘त्रिशूल’ से दबाने के लिए पाकिस्तान का सस्ते में इस्तेमाल करता रहा है. यह मान लेना मुफीद होगा कि चीन पाकिस्तान को अब अपने पश्चिमी थिएटर कमांड के रूप में देखता है.

आसिम मुनीर के पास अब पांच स्टार हैं, पर सफलता ज़ीरो—अब वह और भी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं

मुनीर ने इमरान को जेल में बंद कर रखा है, अपने हाथों की कठपुतली संसद से उन्होंने अपना कार्यकाल भी बढ़वा लिया है लेकिन पांचवें स्टार तमगे की चमक जमीनी हकीकतों को फीकी नहीं कर सकती.

‘N-वर्ड’ एक नया दौर है — भारत की सॉफ्ट पावर अब उसकी हार्ड रियलिटी है

भारत आज दुनिया में जिस बेहतर हैसियत में है वैसी स्थिति में वह शीतयुद्ध के बाद के दौर में कभी नहीं रहा. हमें तय करना पड़ेगा कि विश्व जनमत को हम महत्वपूर्ण मानते हैं या नहीं. अगर मानते हैं तो हमें उनकी मीडिया, थिंक टैंक, सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाना चाहिए.

हर सातवें साल की दिक्कत: पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चाहिए ‘टू-माइनस-वन’ का फॉर्मूला

पाकिस्तान और उसके छद्म सैनिकों को लगभग हर सात साल पर जबरदस्त खुजली होती रही है. युद्ध को बढ़ाने वाली हर कार्रवाई भारत को औसतन कई वर्षों तक पाकिस्तान के अंदर खौफ पैदा करने का मौका देता है.

आसिम मुनीर के दिमाग में क्या चल रहा है?

कश्मीर में जो सामान्य स्थिति बहाल हुई है उसे, मुनीर के मुताबिक, उलटना जरूरी था. पहलगाम कांड की तैयारी उनके भाषण और इस हमले के बीच के एक सप्ताह में तो नहीं ही की गई, इसमें कई महीने नहीं तो कई सप्ताह जरूर लगे होंगे.

मत-विमत

वह भाषण जो पीएम मोदी को इस स्वतंत्रता दिवस पर देना चाहिए

पिछले 11 साल से नेहरू लगातार मेरे प्रयासों में अड़ंगा डालते रहे हैं और मेरी कई योजनाओं व अभियानों को नाकाम बना रहे हैं. मेरी अधिकतर पहलें असफल होने का कारण वही हैं.

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मेघालय उच्च न्यायालय ने शिलांग हवाई अड्डे के विस्तार में देरी पर सरकार से नाखुशी जताई

शिलांग, 14 अगस्त (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने बार-बार न्यायिक निर्देश दिए जाने के बावजूद शिलांग हवाईअड्डे के विस्तार में देरी पर केंद्र और...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.