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शुक्रवार, 6 जून, 2025

संदीप सिंह

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मत-विमत

अब वक्त है कि बकरीद के रूप को बदला जाए—भारत के गरीबों को अब मांस नहीं, लैपटॉप और AC चाहिए

अब जब लोग सच में किसी अमीर पड़ोसी से मांस के तोहफे की उम्मीद नहीं करते, तो क्या सिर्फ गरीबों को खाना खिलाने के नाम पर अब भी जानवरों की बलि देना ठीक माना जा सकता है?

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अमृतसर में दल खालसा के मार्च के दौरान खालिस्तान समर्थक नारे लगे

अमृतसर, छह जून (भाषा) ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की 41वीं बरसी की पूर्व संध्या पर कट्टरपंथी संगठन दल खालसा द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित मार्च के दौरान...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

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