निखिल यादव विवेकानंद केंद्र उत्तर प्रांत के युवा प्रमुख हैं और विज्ञान नीति अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली में पीएचडी शोधार्थी हैं. वे ‘अमृत काल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता’ (2023) किताब के लेखक हैं.
गांवों में निवेश को वैकल्पिक या दया की निगाह से देखना अनुचित होगा. भारत के गांवों को जलवायु नीति का ज़रूरी हिस्सा समझा जाना चाहिए ताकि देश के ज़्यादातर ग्रामीण लोगों के लिए जलवायु योजनाएं न्यायसंगत, सबको साथ लेकर चलने वाली और टिकाऊ बन सकें.