निखिल यादव विवेकानंद केंद्र उत्तर प्रांत के युवा प्रमुख हैं और विज्ञान नीति अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली में पीएचडी शोधार्थी हैं. वे ‘अमृत काल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता’ (2023) किताब के लेखक हैं.
ये पाखंडी लोग हास्य को बदनाम करते हैं, लेकिन किसी भी भारतीय नागरिक को किसी मजाक के लिए राज्य का पूरा भार अपने खिलाफ इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, चाहे वह कितना भी घटिया क्यों न हो.