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सोमवार, 26 मई, 2025

मृणालिनी ध्यानी

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मत-विमत

‘N-वर्ड’ एक नया दौर है — भारत की सॉफ्ट पावर अब उसकी हार्ड रियलिटी है

भारत आज दुनिया में जिस बेहतर हैसियत में है वैसी स्थिति में वह शीतयुद्ध के बाद के दौर में कभी नहीं रहा. हमें तय करना पड़ेगा कि विश्व जनमत को हम महत्वपूर्ण मानते हैं या नहीं. अगर मानते हैं तो हमें उनकी मीडिया, थिंक टैंक, सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाना चाहिए.

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राजनीति

देश

सरकारी कर्मचारियों के कदाचार में ‘सतर्कता पहलू’ निर्धारित करने के लिए सीवीसी के नए दिशानिर्देश

(अश्विनी श्रीवास्तव) नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों सहित सरकारी कर्मचारियों से जुड़े...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.