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Saturday, 19 July, 2025

हेरम्ब चतुर्वेदी

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मत-विमत

राधिका की हत्या सिर्फ गुस्सैल पिता की कहानी नहीं, बेटियों की कमाई आज भी समाज के लिए बोझ क्यों है

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने हत्या को सही ठहराया, कभी ‘दूसरी कहानी’ की बात कहकर, तो कभी यह कहकर कि राधिका किसी मुस्लिम युवक के साथ थी. इससे एक पिता की हिंसा को सामान्य और बेटी की मौत को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.

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