कश्मीर में जो सामान्य स्थिति बहाल हुई है उसे, मुनीर के मुताबिक, उलटना जरूरी था. पहलगाम कांड की तैयारी उनके भाषण और इस हमले के बीच के एक सप्ताह में तो नहीं ही की गई, इसमें कई महीने नहीं तो कई सप्ताह जरूर लगे होंगे.
वे अभी खाना खाने बैठे ही थे कि उनकी कार पर कोई चीज़ आकर गिरी और एक विस्फोट हुआ, जिससे पूरा जगह आग की चपेट में आ गया. परिवार के सभी सदस्य बुरी तरह जल गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं.