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Tuesday, 7 January, 2025

भाषा

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मत-विमत

भारतीय कॉर्पोरेट घरानों और उपभोक्ताओं के बीच शक्ति असंतुलन बढ़ता जा रहा है

इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.

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स्मार्टफोन कलपुर्जों पर शुल्क कटौती से इलेक्ट्रॉनिक परिवेश प्रभावित होगा, नौकरियां जाएंगी: जीटीआरआई

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में स्मार्टफोन के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क में किसी भी तरह की कटौती...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

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