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Sunday, 19 January, 2025

अर्चना चौधरी

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मत-विमत

एक नया ‘इज़्म’ आ गया है, जो राइट, लेफ़्ट और सेंटर को मात दे रहा है

इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.

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राजनीति

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1975 : हिंदी सिनेमा ‘शोले’, ‘निशांत’, ‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्मों ने जीता था दर्शकों का दिल

(बेदिका) नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) भारत के इतिहास में 1975 एक असाधारण साल के रूप में दर्ज है, सिर्फ राजनीति ही नहीं,...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.