नई दिल्ली: युवाओं के संबंध में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि 36 फीसदी युवाओं के लिए अपना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है.
यहां आयोजित एक कार्यक्रम में, सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज(सी3) और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) ने एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण ‘यूथ बोल’ के नतीजे जारी किये.
10 महीने तक चले इस सर्वे में भारत भर के 100,000 से अधिक 10 वर्ष से 24 वर्ष के बच्चों और युवाओं से पूछा गया कि वे अपने स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर क्या विचार रखते हैं.
आयोजन में इस सर्वेक्षण के नतीजों पर प्रकाश डाला गया.
सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि 36 प्रतिशत युवाओं के अनुसार उनकी प्राथमिकता शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य है. 26 प्रतिशत युवाओं की सबसे बड़ी प्राथमिकता स्कूलों में कंप्यूटर, पुस्तकालय, भोजन, खेल के मैदान, सड़क, स्वास्थ्य केंद्र, स्वच्छ शौचालय, स्वच्छ हवा और पानी है. युवाओं की अन्य आवश्यकताएं शिक्षा, रोजगार और पर्यावरण हैं.
इस आयोजन में ‘सी 3’ की कार्यकारी निदेशक डॉ अपराजिता गोगोई ने कहा, ‘भारत में 35 करोड़ युवा हैं. यह युवा ही इस देश का भविष्य निर्धारित कर सकते हैं. युवाओं को सभी स्वास्थ्य नीतियों,कार्यक्रमों और योजनाओं के निर्माण में और उन्हें सफल बनाने में सहयोग करना चाहिए. ‘यूथ बोल’ इसे सक्षम करने का एक प्रयास है.’
इस आयोजन में नशे की रोकथाम, मासिक धर्म को लेकर जागरुकता, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और उन तक पहुंच प्रमुख मुद्दे रहे.
इसमें सबसे युवा वर्ग (20-24 वर्ष) के लिए गर्भनिरोधक विधियों और परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में भी चर्चा की गई.