लखनऊ, 30 नवंबर (भाषा) गत चैंपियन त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी ने रविवार को यहां सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 टूर्नामेंट में जापान की काहो ओसावा और माई तानाबे को तीन गेम में हराकर महिला युगल का खिताब बरकरार रखा लेकिन किदांबी श्रीकांत का खिताब का आठ साल का इंतजार खत्म करने का सपना टूट गया।
पूर्व चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप 2021 के रजत पदक विजेता श्रीकांत को हांगकांग के दुनिया के 59वें नंबर के खिलाड़ी जेसन गुनावन के खिलाफ 67 मिनट में 16-21 21-8 20-22 से हार का सामना करना पड़ा।
इस 32 वर्षीय अनुभवी भारतीय खिलाड़ी ने अपना पिछला खिताब 2017 में फ्रेंच ओपन में जीता था। वह साल साल मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 में भी फाइनल में पहुंचे थे लेकिन वहां भी उन्हें उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा था।
त्रीसा और गायत्री की शीर्ष वरीय भारतीय जोड़ी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद आक्रामक खेल दिखाया और दुनिया की 35वें नंबर की जापानी जोड़ी को एक घंटे 16 मिनट तक चले रोमांचक फाइनल में 17-21, 21-13, 21-15 से शिकस्त दी।
कंधे की चोट के बाद गायत्री के पांच महीने के ब्रेक से लौटने के बाद भारतीय जोड़ी सिर्फ अपना दूसरा टूर्नामेंट खेल रही थी।
गुनावन ने अच्छी शुरुआत करते हुए 4-1 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक 11-8 से आगे हो गए। श्रीकांत ने लगातार गल्तियां की जिसका फायदा उठा उठाकर हांगकांग के खिलाड़ी ने स्कोर 14-10 कर दिया।
श्रीकांत ने इस बीच कुछ दमदार स्मैश लगाए लेकिन गुनावन ने स्कोर 17-11 तक पहुंचाया। गुनावन को इसके बाद सात गेम प्वाइंट मिले। श्रीकांत ने तीन गेम प्वाइंट बचाए लेकिन हांगकांग के खिलाड़ी ने तेजतर्रार स्मैश के साथ गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में श्रीकांत ने दबदबा बनाते हुए 6-1 की बढ़त बनाई। श्रीकांत ने कुछ दमदार स्मैश लगाए और नेट पर भी अच्छा खेल दिखाया जिससे वह ब्रेक तक 11-4 से आगे हो गए। भारतीय खिलाड़ी ने 13 गेम प्वाइंट हासिल किए और फिर गेम जीतकर स्कोर 1-1 कर दिया।
तीसरे और निर्णायक गेम में श्रीकांत ने 5-1 के स्कोर से अच्छी शुरुआत की लेकिन गुनावन वापसी करने में सफल रहे जिससे श्रीकांत ब्रेक तक 11-10 से मामूली बढ़त बनाए हुए थे।
श्रीकांत ने अच्छे नेट शॉट और स्मैश से स्कोर 14-11 किया लेकिन गुनावन ने लगातार तीन अंक के साथ 14-14 पर बराबरी हासिल कर ली। इसके बाद स्कोर 17-17 और 19-19 से बराबर हुआ।
श्रीकांत ने इसके बाद बैकलाइन पर बाहर शॉट मारकर गुनावन को मैच प्वाइंट दिया। भारतीय खिलाड़ी ने इस अंक को बचाया। गुनावन ने 20-20 के स्कोर पर एक और मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर श्रीकांत के बाहर शॉट मारने से मैच और खिताब जीत लिया।
इससे पहले महिला युगल फाइनल की शुरुआत 49 शॉट की शानदार रैली से हुई। दोनों जोड़ियों ने एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दी जिसके बाद ओसावा और तानाबे 6-3 से आगे हो गईं।
त्रीसा ने कुछ तेज स्मैश लगाए जिससे भारतीय जोड़ी बराबरी पर आ गई। फिर ओसावा की फोरहैंड गलती ने उन्हें 8-6 से आगे कर दिया।
हालांकि जापानी जोड़ी ने फिर वापसी की और ब्रेक तक थोड़ी बढ़त बना ली। तानाबे के बैकहैंड क्रॉस कोर्ट रिटर्न से गायत्री हैरान हो गई जिसके बाद भारतीय खिलाड़ी की एक और गलती ने जापानी टीम को पांच गेम प्वाइंट दिला दिए। त्रीसा और गायत्री ने दो प्वाइंट बचाए लेकिन तानाबे ने स्मैश मारकर पहला गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने लय हासिल कर ली और शानदार अंदाज में खेलते हुए 9-2 से बढ़त बना ली। हालांकि कुछ शॉट नेट में चले गए लेकिन ब्रेक तक भारतीयों की बढ़त 11-5 हो गई थी।
त्रीसा और गायत्री ने रैलियों में दबदबा बनाए रखना जारी रखा जिससे यह जोड़ी 17-9 से आगे हो गईं। त्रीसा ने फुर्ती और लय से आक्रामकता से रिटर्न दिए जिससे भारतीय टीम 20-11 की बढ़त पर आ गई। उन्होंने दो गेम प्वाइंट गंवा दिए लेकिन फिर इस गेम को जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
तीसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने 7-4 की बढ़त बना ली थी, लेकिन गलतफहमी की वजह से उन्हें कुछ प्वाइंट गंवाने पड़े। लेकिन उन्होंने जल्द ही नियंत्रण हासिल कर लिया। त्रीसा के एक शानदार नेट शॉट के बाद एक और अच्छे प्वाइंट ने उन्हें ब्रेक तक छह प्वाइंट की बढ़त दिला दी।
ओसावा और तानाबे ने पिछड़ने के अंतर को 12-14 से 13-15 कर दिया। पर जोश से भरी त्रीसा ने एक और शानदार नेट शॉट लगाया और गायत्री ने एक तेज स्मैश लगाया जिससे भारतीय जोड़ी खिताब के करीब पहुंच गई।
त्रीसा के एक हल्के ड्रॉप और जापानी खिलाड़ी के एक वाइड शॉट ने भारत को छह मैच प्वाइंट दिए। फिर भारतीय जोड़ी ने दूसरे वाइड शॉट को अंक में तब्दील कर अपना खिताब बरकरार रखा।
भाषा नमिता सुधीर नमिता
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