(प्रमोद कुमार)
हाजीपुर (बिहार), छह नवंबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच एक युवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ने अपनी अनोखी पहल से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। वैशाली की जिलाधिकारी (डीएम) वर्षा सिंह ने गीत के माध्यम से मतदाताओं से लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है।
स्थानीय बज्जिका बोली में गाए अपने गीत के जरिये वर्षा सिंह लोगों से मतदान के दिन अपने बहुमूल्य मताधिकार के इस्तेमाल की अपील कर रही हैं।
उन्होंने अपने गीत में कहा, “वैशाली की जनता सुनिहा हमरो पुकार, पहिले करिहा मतदान फिर जलपान करिहा।”
2016 बैच की बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से बातचीत में कहा, “पिछले विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले में मतदान प्रतिशत करीब 58 था। जब मेरा स्थानांतरण यहां हुआ, तब मैंने तय किया कि इस बार अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करूंगी। यह लोकतंत्र का उत्सव है; लोगों को अपने वोट के महत्व को समझना होगा।”
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से महिलाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से उन्होंने गीत गाया।
उन्होंने कहा, “लोगों में समुदाय का हिस्सा होने और वोट के माध्यम से परिवर्तन लाने की भावना को मजबूत करने की जरूरत है। मैंने महसूस किया कि स्थानीय बोली में गाकर यह संदेश अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सकता है, इसलिए मैंने यह प्रयास किया।”
वर्षा सिंह ने कहा कि हालांकि उन्होंने गायन का कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया है, लेकिन वह अच्छा गाती हैं।
उन्होंने कहा, “मेरी इस पहल की सराहना हो रही है। मैंने महसूस किया कि जब लोगों को अपनी भाषा में गीत के माध्यम से मतदान के लिए प्रेरित किया जाता है, तो उनमें एक नयी ऊर्जा आती है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार वैशाली में मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।”
अपने गीत के जरिये वह यह संदेश दे रही हैं कि मतदान से बड़ा कोई कार्य नहीं है और हर वोट लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। गीत की एक पंक्ति में कहा गया है— “गणतंत्र के कनानी के तू करिहा मजबूत, तू मतदान करिह।”
डीएम ने वैशाली के ऐतिहासिक महत्व का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “वैशाली वह भूमि है जहां लगभग 600 ईसा पूर्व में लोकतंत्र का सबसे प्रारंभिक रूप विकसित हुआ था। जैन और बौद्ध धर्म के ग्रंथों में वैशाली और प्राचीन भारत के अन्य महाजनपदों का उल्लेख मिलता है। इन ग्रंथों के अनुसार वैशाली छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ था, जो गौतम बुद्ध के जन्म (563 ईसा पूर्व) से भी पहले था। यह विश्व का पहला गणराज्य था, जहां विधिवत निर्वाचित सभा और प्रभावी प्रशासन था।”
उन्होंने कहा, “वैशाली ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मभूमि है और यही वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश दिया और परिनिर्वाण की घोषणा की।”
भाषा कैलाश शोभना जोहेब
जोहेब
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