नैनीताल, 31 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक बालिका से दुष्कर्म और उसकी हत्या के आरोपी के उच्चतम न्यायालय से बरी होने के बाद एक महिला अधिवक्ता को कथित रूप से मिली ऑनलाइन धमकियों के मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया मंचों को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए ।
न्यायालय ने विशेष कार्यबल (एसटीएफ) देहरादून, के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को भी मामले में पक्षकार बनाया है ।
इससे पहले, मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने नैनीताल के एसएसपी को महिला वकील और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे । न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए वकील को पुलिस सुरक्षा प्रदान कर दी गयी है ।
न्यायालय ने साइबर अपराध के महानिरीक्षक को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भड़काऊ पोस्ट हटाने और उन्हें पोस्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था ।
कुछ साल पहले हल्द्वानी में एक विवाह समारोह में परिवार के साथ शामिल होने आयी पिथौरागढ़ की एक बालिका से दुष्कर्म किया गया था और उसकी हत्या कर दी गयी थी। निचली अदालत ने आरोपी अख्तर अली को मृत्युदंड दिया था जिसे उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था । हांलांकि, हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।
आरोपी के बरी होने के बाद मामले से जुड़ी महिला अधिवक्ता को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर धमकियां दी गयीं ।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इन सोशल मीडिया मंचों से यह बताने को कहा है कि उनके नेटवर्क से आपत्तिजनक या धमकी भरे पोस्ट हटाने के लिए उनके पास क्या व्यवस्था है।
न्यायालय ने इस मामले पर उसके सामने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश किए जाने के भी निर्देश दिए ।
भाषा सं दीप्ति रंजन
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