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Friday, 22 November, 2024
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मध्य प्रदेश का ब्लैकमेल रैकेट: सेक्स का शिकंजा, झगड़ते आईपीएस अफसर और वो गुप्त वीडियोज़

इस सेक्स रैकेट के मामले में एक एनजीओ की चीफ मध्य प्रदेश के नेताओं और सिविल अधिकारियों से सेक्स वीडियो के जरिए उनसे पैसे उगाही कर रही थी.

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भोपाल: इंदौर निगम निगम में काम कर रहे इंजीनियर हरभजन सिंह ने मध्यप्रदेश के पलासिया पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि उन्हें ‘ब्लैकमेल’ किया जा रहा है लेकिन उन्हें इसके पीछे चली आ रही ब्लैकमेलिंग की पूरी कहानी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

सिंह दावा कर रहे हैं कि आरती दयाल नाम की महिला जिसकी उम्र 29 साल है वो उन्हें ब्लैकमेल कर रही है. दयाल उनसे 3 करोड़ रुपए मांग रही है. पैसे नहीं देने पर उनसे उनके प्राइवेट वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी जा रही है.

इस मामले की जांच करते हुए पता चल रहा है कि एक एनजीओ के मुख्या, नेताओं, सिविल सर्वेंट, आईपीएस अधिकारियों से उनके सेक्सुअल वीडियो के ज़रिए पैसे उगाही कर रहे हैं.

सरकारी कांन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी इन वीडियो का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन इसमें कितनी सफलता मिली है इसकी जांच की जा रही है.

पहले भी फंसाता रहा है गैंग नेताओं और अधिकारियों को

जांच से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘लगभग छह वरिष्ठ नेता, 10 आईएएस और आईपीएस अधिकारी और कई सिविल अभियंता और बिल्डरों को पिछले कुछ सालों में इस गैंग द्वारा फंसाया गया है.

अभी तक इस मामले में पांच महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है. भोपाल की रहने वाली श्वेता स्वपनिल को इस मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. संदेहास्पद दो लोगों के वकीलों ने कहा कि इस मामले को जानबूझकर बनाया गया है और पुलिस द्वारा इन लोगों को प्रताड़ित किया गया है.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में इस मामले की याचिका डाली गई थी. लेकिन इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.


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जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है वैसे ही मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ रहा है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस मामले पर भिड़ी हुई हैं.

सेक्स वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं

यह मामला साल 2017 के करीब शुरू हुआ था जब एक महिला जिसका नाम श्वेता विजय जैन और उसके ड्राइवर की वीडियो वायरल हो गई थी. श्वेता जैन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (सागर) की 2006 से लेकर 2014 तक सदस्य रही थी.

इसके बाद इस तरह के और भी वीडियो सामने आए थे.

2019 में सामने आ रही वीडियो को देखें तो इस बार वरिष्ठ नेता और सिविल अधिकारी इसमें फंसते नज़र आ रहे हैं.

इस साल फरवरी में लोकसभा चुनाव से पहले श्वेता स्वपनिल जैन की भाजपा नेता के साथ वीडियो वायरल हुई थी.

अगस्त में वरिष्ठ अधिकारियों की भी इसी तरह की वीडियो सामने आई थी. संदेह किया जा रहा है कि ये सारे वीडियो एक ही रैकेट से जुड़े लोगों द्वारा बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और मुख्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.

हरभजन सिंह द्वारा दयाल को लेकर किए गए शिकायत के बाद इस मामले की जांच में तेज़ी आ सकती है.

दयाल और मोनिका यादव के साथ की जा रही जांच में पता चला है कि श्वेता स्वपनिल इस पूरे रैकेट के पीछे हैं. वो एक एनजीओ भी चलाती हैं.


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श्वेता विजय जैन, बरखा सोनी और श्वेता स्वपनिल जैन | फोटो : विशेष प्रबंध पर

श्वेता जैन की गिरफ्तारी के बाद बरखा जैन(34) और ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी(45) को भी गिरफ्तार किया गया है.

क्लब, पैसों, प्रलोभन और जबरन वसूली 

पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को अभी तक की हुई जांच के बारे में बताया कि ‘इस पूरे गैंग की पहली कोशिश थी कि सिविल अधिकारियों और पुलिस तक पहुंच बनाया जाए.’

पहुंच बनाने के बाद एक क्लब और होटल बुक किया गया था. सूत्रों के अनुसार श्वेता स्वपनिल भोपाल स्थित अरेरा क्लब आती जाती रहती थी. इस क्लब के प्रेसीडेंट राज्य के मुख्य सचिव हैं. अरेरा हिल के पास बने क्लब में लगभग 1000 सदस्य हैं जिसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका सरकार से कोई संबंध नहीं है.

Arera club is usually booked by the racket members.
अरेरा क्लब | फोटो : विशेष प्रबंध पर

सूत्रों के अनुसार महिला इस क्षेत्र में पार्टियों का आयोजन करती थी. वो इन मौकों पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात करती थी.

जब अधिकारियों के पास आने का मौका मिल जाता था तो स्पाई कैमरा से वीडियो बनाया जाता था. कैमरा कॉस्मेटिक, फर्नीचर में छुपाया जाता था.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘वीडियो बनाने के बाद ब्लैकमेल किया जाता था. माना जा रहा है कि यह पूरा रैकेट पिछले सात सालों से काम कर रहा है. पहले यह सिर्फ धन उगाही, कान्ट्रैक्ट और एनजीओ के लिए पैसा मांगता था. महिला केंद्र सरकार से जुड़े ठेके लेने की भी कोशिश कर रही थी.


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पुलिस सूत्रों के अनुसार पांच महिलाओं को इस मामले के तहत गिरफ्तार किया गया है.

अभी तक 96 वीडियो हुए वायरल

पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल जांच टीम (एसआईटी ) का गठन किया था. अभी तक की जांच में आरोपी महिलाओं के लैपटॉप से 96 वीडियो बरामद किए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि इन वीडियो से जांच में मदद मिलेगी.

जांचकर्ताओं को इन आरोपियों के पास से उन लागों की सूची बरामद हुई है जिन्हें ये लोग ब्लैकमेल करने वाले थे. इस सूची में कोड की भाषा में लिखा गया है. सूत्रों ने बताया कि इस सूची में शहरी मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के नाम, कृषि मंत्रालय से जुड़े लोगों के नाम शामिल हैं.

इस रैकेट के जाल में शहर के कई सुनार (ज्वैलर) और होटलों के मालिक तक भी फंस चुके हैं.

जो भी डिजिटल कंटेंट अभी तक मिला है उनकी फॉरेंसिक जांच हो रही है. इसकी जांच में समय लग सकता है. पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी तक मिली जानकारी की जांच के लिए काफी समय चाहिए.

भोपाल में 2011 में सामने आए सेक्स रैकेट पर भी एसआईटी की नज़र है. इस रैकेट की जांच में पुलिस को कई नेताओं और अधिकारियों के बारे में पता चला है. दिल्ली से संबंधित सेक्स वर्कर सिमरन के इसमें शामिल होने का अनुमान है. सूत्रों के अनुसार एसआईटी को सिमरन और हाल ही में सामने आए सेक्स रैकेट से जुड़ाव मिला है.

सरकारी ठेका मिलने ही वाला था

सूत्रों के अनुसार आरोपी छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार से जुड़े सरकारी ठेके लेने की कोशिश में था.

सूत्रों के अनुसार जब आरोपियों को पकड़ा गया उस समय इन लोगों की एक पीएसयू से ठेके के लिए बात लगभग चल रही थी और इन्हें ठेका मिलने ही वाला था.

एक आरोपी एनआरआई क्लाइंट के लिए केंद्र सरकार के ठेके के लिए बात कर रहा था. लेकिन पूरी योजना अंतिम समय में खराब हो गई.


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एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि इस जांच के तहत हम यह पता करना चाहते हैं कि इन वीडियो में कौन है. और क्या सरकारी ठेकों का इससे कोई संबंध है क्या. अधिकारी ने बताया कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत इन मामलों की जांच होगी.

भाजपा-कांग्रेस का लिंक

श्वेता विजय जैन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य थी. इसके सदस्य राज्य सरकार द्वारा बनाए गए पैनल के जरिए चुने जाते हैं. भाजपा सरकार के दौरान उन्हें चुना गया था. लेकिन अब पार्टी उससे किनारा कर रही है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वजय सिंह ने आरोप लगाया कि जब जीतू जिराती जो राज्य ईकाई के उपाध्यक्ष हैं और तब वो मध्य प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे उस समय श्वेता विजय जैन इसकी महत्वपूर्ण सदस्य थी.

इसी महीने सिंह ने कहा था कि जीतू जिराती जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे तो क्या उस समय श्वेता इसकी महासचिव नहीं थी.

जिराती ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वो बस इसकी सदस्य थी. वो कभी महासचिव नहीं रही हैं. मेरे कार्यकाल के दौरान वो बस युवा मोर्चा के 325 सदस्यों में से एक थी.

एक और बात सामने आई है कि श्वेता जैन के एनजीओ में राज्य के एक कैबिनेट मंत्री की पत्नी का हस्तक्षेप था. और इसके पूरे काम पर उनका प्रभाव था.

एक आरोपी महिला सोनी की शादी कांग्रेस के नेता अमित सोनी से हुई है. जैसा कि दिप्रिंट ने पहले भी खबर में लिखा था कि मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति ने अमित सोनी को पार्टी से 15 जून को ही निकाल दिया है. पार्टी के खिलाफ काम करने की गतिविधियों में उन्हें निकाला गया था.

मध्य प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने पूरे मामले पर कहा है कि ‘यह बहुत चिंता का विषय है कि पब्लिक फिगर को ब्लैकमेल किया जा रहा है. कानून अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहा है. कोई भी हो चाहे वो नेता हो, अधिकारी हो अगर दोषी पाया जाता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’


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संसदीय और प्रशासनिक मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, ‘मेरा विश्वास है कि पूरी स्थिति को लोगों के सामने सही तरीके से पेश किया जाएगा. जो भी इस मामले के पीछे हैं उनका नाम सामने आना चाहिए. चाहे वो किसी भी पार्टी के हो, कोई अधिकारी हो या कोई नेता हो.’

उन्होंने कहा, ‘लोकराज में लोक लाज होना चाहिए.’

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, ‘इस मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए. सिर्फ सीबीआई को ही इस मामले में जांच करनी चाहिए. हम कुछ भी कहेंगे तो जांच प्रभावित होगी.’

मध्य प्रदेश पुलिस बंटती नज़र आ रही है

इस मामले की जांच के तहत मध्य प्रदेश पुलिस बंटती नजर आ रही है. राज्य के सीआईडी के डिप्टी इंसपेक्टर जनरल श्रीनिवास को एसआईटी चीफ बना दिया गया है. श्रीनिवास और संजीव शमी के बीच काफी तीखी जुबानी बहस चल रही है.

डीजीपी वीके सिंह ने रविवार को वीडियो को बताया कि साइबर सेल के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने गाजियाबाद में एक घर किराए पर लिया था. जिसे इस सेक्स रैकेट में इस्तेमाल किया गया है. इस घर के बारे में पुलिस विभाग को कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

उसी दिन शर्मा ने सिंह के बारे में कहा था कि इन्हें एसआईटी परिवेक्षक की जिम्मेदारी से हटा देना चाहिए. उन्होंने मध्य प्रदेश आईपीएस असोसिएशन को एक मेल भी लिखा. जिसमें कहा गया कि उन पर जो बयान दिए जा रहे हैं इससे उनकी छवि खराब हो रही है. शर्मा ने मुख्य सचिव एस आर मोहंती से मुलाकात की थी और इस पूरी घटना के बारे में उन्हें बताया.

मध्य प्रदेश आईपीएस असोसिएशन के अध्यक्ष आर यादव ने कहा, ‘कानून की सीमा के तहत कार्रवाई की जाएगी.’

मंगलवार को सभी छह आरोपियों को इंदौर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक इन लोगों को रिमांड पर भेजा है. इस दौरान इन लोगों से जांच की जाएगी.

श्वेता जैन के वकील धर्मेंद्र गुर्जर बेल के लिए कोशिश कर रहे थे. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘इस पूरे मामले का आधार ही अजीब है.’

हालांकि कुछ आरोपियों ने हमारे क्लाइंट का नाम ले लिया इसका मतलब यह नहीं है कि इसे सबूत बनाकर पेश किया जाए. असल एफआईआर में इनका नाम नहीं है. कोई भी उन अधिकारियों से सवाल नहीं कर रहा है जो इन महिलाओं के साथ सोया है.


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श्वेता स्वपनिल जैन के वकील अमर सिंह राठौर और ड्राइवर कोरी के वकील ने कहा कि यह पूरा मामला जानबूझकर बनाया गया है.

तोमर ने बताया कि ओमप्रकाश ने श्वेता के यहां दो महीने पहले ही नौकरी शुरू की थी. हो ही नहीं सकता कि वो इस रैकेट में वो शामिल हो जो इतने सालों से चल रहा है.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा, तारीख अभी निर्धारित नहीं है. याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह भंडारी ने मांग की है कि ‘इंदौर नगर निगम अभियंता हरभजन सिंह को रेप के मामले में गिरफ्तार करें और उन पर पॉक्सो के तहत जांच हो.’

उनके अनुसार सिंह ने खुद स्वीकारा था कि उसने दयाल के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे जब वो नाबालिग थी.

हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है लेकिन सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं की है.

सिंह के बर्खास्तगी के आदेश में कहा गया है कि ‘वो हनी ट्रैप मामले में शामिल थे. उनके इस कृत्य को मध्य प्रदेश सिविल सर्विस कंडक्ट नियम 1965 का उल्लंघन कहा जा रहा है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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