नई दिल्ली: अगस्त में भारत की रिटेल महंगाई (इंफ्लेशन) थोड़ी बढ़ी, लेकिन ईकॉनिमिक एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री लीडर्स का मानना है कि यह बढ़ोतरी अस्थायी है और देश की कुल प्राइस स्थिरता पर असर नहीं डालेगी. इसकी एक वजह हाल के जीएसटी सुधार भी हैं.
शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रिटेल इंफ्लेशन (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स – CPI से मापा गया) अगस्त 2025 में साल-दर-साल 2.07% रहा, जो जुलाई में 1.61% था.
हालांकि यह 46 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है, लेकिन अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2-6% के दायरे में है.
कई महीनों तक स्थिर रहने के बाद खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने लगी हैं.
दुनिया के कई देशों में इंफ्लेशन चिंता का विषय है, लेकिन भारत ने इसे काफी हद तक संभाला है. RBI ने फरवरी 2025 से पहले लगभग पांच साल तक रेपो रेट में बदलाव नहीं किया था और उसे 6.5% पर रखा था. फरवरी में पहली बार इसे घटाया गया.
RBI ने हाल की MPC मीटिंग में 2025-26 के लिए इंफ्लेशन आउटलुक को 4% से घटाकर 3.7% कर दिया.
एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की हेड ऑफ एशिया-पैसिफिक ईकॉनमिक्स, हाना लुचनिकावा-शोर्श ने कहा कि अगस्त का आंकड़ा हमारी उम्मीदों के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि जुलाई में इंफ्लेशन सबसे कम था और अगस्त में बेस इफेक्ट कम होने, डिमांड बढ़ने और रुपये के कमजोर होने से कीमतें थोड़ी तेज हुईं.
उन्होंने अनुमान लगाया कि आगे इंफ्लेशन थोड़ा और बढ़ेगा लेकिन कंट्रोल में रहेगा. GST कटौती के असर से अक्टूबर से इसमें तेजी की रफ्तार कम होगी और यह RBI के 4% लक्ष्य के आसपास रहेगा.
एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने अब FY26 के लिए CPI इंफ्लेशन का अनुमान घटाकर 3.3% किया है, जो पहले 3.5% था.
PHDCCI ने भी कहा कि जीएसटी 2.0 सुधार पैकेज से प्रोडक्शन कॉस्ट कम होगी, कीमतें घटेंगी और कंजम्प्शन बढ़ेगा.
केयरएज की चीफ ईकॉनमिस्ट रजनी सिंहा ने अगस्त के आंकड़े को “कंफर्टेबल” बताया और कहा कि मॉनसून, पानी की पर्याप्त उपलब्धता और अच्छी खरीफ बोआई से खाने-पीने की कीमतें स्थिर रहेंगी.
उन्होंने कहा कि GST रेशनलाइजेशन से हर साल CPI इंफ्लेशन 70-90 बेसिस प्वाइंट कम हो सकता है. केयरएज ने FY26 के लिए अनुमान घटाकर 2.7% कर दिया है, जो पहले 3.1% था.
क्रिसिल के चीफ ईकॉनमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने भी अनुमान घटाकर 3.2% कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब RBI इस वित्त वर्ष में रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट और घटा सकता है.
SBI के चीफ ईकॉनमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि अगस्त का आंकड़ा 2% से थोड़ा ज्यादा है, इसलिए अक्टूबर या दिसंबर में रेट कट थोड़ा मुश्किल है.
सितंबर 2025 का CPI इंफ्लेशन डेटा 13 अक्टूबर 2025 को जारी होगा.
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