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Wednesday, 10 September, 2025
होमदेशगुजरात में महिला ने रोपवे हादसे से पहले बेटे के साथ फोन पर हुई बातचीत को याद किया

गुजरात में महिला ने रोपवे हादसे से पहले बेटे के साथ फोन पर हुई बातचीत को याद किया

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हलोल (गुजरात), सात सितंबर (भाषा) जयाबेन माली उस आखिरी फोन कॉल को याद करके भावुक हो गईं, जो उन्हें उनके इकलौते बेटे सुरेश माली ने गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी पर शनिवार को हुए रोपवे हादसे से कुछ घंटे पहले की थी।

महाकालिका मंदिर के लिए प्रसिद्ध पावागढ़ पहाड़ी पर एक मालवाहक रोपवे का तार टूट जाने से सुरेश माली सहित छह लोगों की मौत हो गई थी।

फूल विक्रेता सुरेश मंदिर में ताजे फूल पहुंचाता था। उसने अपनी मां जयाबेन को फोन कर कहा था कि उसने फूल पहुंचा दिए हैं और वह जल्द ही घर आ जाएगा, लेकिन वह कभी नहीं लौटा।

अपने इकलौते बेटे के साथ फोन पर हुई आखिरी बातचीत को याद करते हुए जयाबेन की आखें नम हो जाती हैं।

जयाबेन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सुरेश फूल खरीदने वडोदरा गया था। दोपहर करीब एक बजे उसने मुझे फोन किया और बताया कि उसने फूलों का एक थैला भेजा है और वह जल्द ही घर लौट आएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ ही देर बाद उसके मोबाइल फोन पर दोबारा फोन किया। एक बार घंटी बजी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।’’

घटनास्थल पर मौजूद एक रोपवे संचालक ने बताया कि हादसा अचानक हुआ।

उसने कहा, ‘‘मैं रोपवे चला रहा था, तभी इसका तार टूट गया। मैं देख नहीं पाया कि वहां क्या हुआ। वह जगह बादलों से ढकी हुई थी। यह (ट्रॉली) अचानक टूट गई।’’

पंचमहल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरेश दुधात ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि रोपवे का तार टूटने से यह हादसा हुआ।

दुधात ने बताया कि अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की मदद से मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि ट्रॉली ऊपर की ओर जा रही थी या नीचे आ रही थी।

स्थानीय विधायक जयद्रथसिंह परमार ने बताया कि रोपवे का इस्तेमाल पहाड़ी की चोटी पर विभिन्न सामग्री ले जाने के लिए किया जा रहा था और इसकी पूरी ट्रॉली एक टावर से टकराकर नीचे गिर गई।

परमार के अनुसार, इस हादसे में ट्रॉली में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि मृतक रोपवे संचालक मोहम्मद अनवर महमद शरीफ खान और बलवंत सिंह धनीराम जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के मूल निवासी थे।

उन्होंने बताया कि खान और धनीराम के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर ले जाया जाएगा।

पावागढ़ पहाड़ी की चोटी पर स्थित महाकालिका मंदिर देवी काली को समर्पित एक भव्य मंदिर है। यहां हर साल लगभग 25 लाख आगंतुक आते हैं।

भाषा

राजकुमार पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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