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Wednesday, 10 September, 2025
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उप्र: शहरी इलाकों में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर नया परिपत्र जारी

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लखनऊ, छह सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं और मानव–पशु संघर्ष की समस्या को देखते हुए एक नया परिपत्र जारी किया है। एक बयान में यह जानकारी दी गई।

बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों और उच्चतम न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए तैयार इस परिपत्र में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं जिसमें संरचित फीडिंग जोन, विवाद निस्तारण तंत्र, सतत नसबंदी कार्यक्रम और जागरुकता अभियान प्रमुख हैं।

दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक वार्ड या क्षेत्र में कुत्तों की संख्या के आधार पर पर्याप्त फीडिंग जोन बनाए जाएंगे जिन्हें बच्चों के खेल स्थलों, प्रवेश और निकास द्वारों अथवा अधिक आवाजाही वाले स्थानों से दूर रखा जाएगा।

इसके अनुसार भोजन कराने का समय भी ऐसा निर्धारित किया जाएगा जिससे बच्चों और बुजुर्गों की गतिविधियों पर असर न पड़े।

कुत्तों को भोजन कराने वालों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। उन्हें केवल निर्धारित स्थानों पर ही भोजन देना होगा और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए बचे हुए भोजन का उचित निस्तारण करना होगा।

इसके अनुसार पशुप्रेमियों को कुत्तों की नसबंदी और रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम में भी सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

परिपत्र में कहा गया कि विवाद की स्थिति में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, पुलिस अधिकारी, आवेदक और अन्य हितधारक शामिल होंगे। समिति का निर्णय अंतिम माना जाएगा। यदि विवाद जारी रहता है तो मामला राज्य बोर्ड को भेजा जाएगा।

दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित जोन से बाहर कुत्तों को भोजन कराना प्रतिबंधित है। स्थानीय निकायों को इन जोन पर सूचना बोर्ड लगाने होंगे और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

परिपत्र में कहा गया कि नियमों का पालन कर रही महिलाओं या पशुप्रेमियों को धमकाना या उनके साथ दुर्व्यवहार करना अपराध माना जाएगा।

इसमें कहा गया कि इच्छुक व्यक्ति स्थानीय निकाय को आवेदन देकर आवारा कुत्तों को गोद ले सकते हैं, लेकिन गोद लेने के बाद उन्हें छोड़ना अपराध माना जाएगा। कुत्तों की नसबंदी और रेबीज टीकाकरण का कार्यक्रम निरंतर जारी रहेगा और उपचार के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

परिपत्र के अनुसार आक्रामक या रेबीज से संक्रमित कुत्तों को निगरानी हेतु विशेष सेंटर में रखा जाएगा। सभी निकायों को इसके लिए एक नोडल अधिकारी नामित करना होगा।

नगर विकास निदेशालय में अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक निगरानी प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा जो इन कार्यक्रमों की निगरानी करेगा।

साथ ही, पहले से लागू दिशा-निर्देशों जैसे पालतू कुत्तों का पंजीकरण, नियमित नसबंदी और टीकाकरण शिविर, घायल या बीमार कुत्तों के लिए आश्रय और मानवीय तरीके से आक्रामक कुत्तों को पकड़ने जैसी व्यवस्थाओं को और मजबूत किया जाएगा।

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा, ‘‘कुत्तों के काटने की घटनाएं गंभीर जनस्वास्थ्य समस्या हैं। नए दिशानिर्देश मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं।’’

भाषा राजेंद्र खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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