फिरोजाबाद (उप्र), 25 अगस्त (भाषा) फिरोजाबाद की एक अदालत ने हजरतपुर आयुध उपकरण कारखाने में कथित सुरक्षा चूक और एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी पर हमले के मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
अदालत ने इस संबंध में गत आठ अगस्त को आदेश जारी किया था। हालांकि अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
कारखाने के वरिष्ठ प्रबंधक (सुरक्षा एवं प्रशासन) और पूर्व नौसेना अधिकारी राघव शर्मा द्वारा दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हिम्मत लाल कुमावत और विपिन कटियार नामक दो अधिकारियों ने विदेशी नागरिक थॉमस फर्डिनेंड अदलम (60) को कारखाना परिसर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश दिया। शर्मा ने आरोप लगाया कि विदेशी नागरिक को प्रवेश दिये जाने के बारे में पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने उन्हें धमकाया और मारपीट की।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेश कुमार दिवाकर के समक्ष दायर शर्मा की याचिका के अनुसार अमेरिका स्थित एक एयरोस्पेस और रक्षा घटक फर्म में कार्यरत दक्षिण अफ्रीकी नागरिक एल्डन को सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी करते हुए दोस्ती के बहाने प्रतिबंधित सुविधा के अंदर अवैध रूप से ले जाया गया।
शिकायत के मुताबिक, विदेशी नागरिक फरवरी 2025 में पर्यटक वीजा पर आया था और आरोपियों ने कड़ी पाबंदी के बावजूद उसे मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी थी।
जब शर्मा ने इस उल्लंघन का विरोध किया और आंतरिक जांच शुरू की तो उन्हें कथित तौर पर धमकाया गया और उन पर हमला किया गया।
शर्मा ने आरोप लगाया, ”उन्होंने मुझे जांच रोकने या झूठे आपराधिक मामलों का सामना करने की चेतावनी दी।” उन्होंने आगे कहा कि आगे के नुकसान को रोकने के लिए निजी सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
खुफिया ब्यूरो द्वारा श्रेणी-सी रक्षा प्रतिष्ठान की श्रेणी में रखा गया आयुध कारखाना महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाओं में शामिल है। इसमें सुखोई-30 विमान ब्रेक पैराशूट, गगनयान और ड्रोन सम्बन्धी प्रौद्योगिकियों पर आधारित काम किये जाते हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल के जरिये इस परिसर में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर सख्त पाबंदियां लागू की गयी हैं।
शर्मा ने दावा किया कि आरोपी अधिकारियों ने पहले भी स्थायी आदेशों का उल्लंघन करते हुए फैक्टरी के अंदर स्मार्टफोन ले जाने की अनुमति दी थी। यह मामला 14 मार्च को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते द्वारा एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के एक एजेंट से कथित संबंधों के आरोप में फैक्टरी प्रभारी रवींद्र की गिरफ्तारी से जुड़ी जांच के दौरान सामने आया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बावजूद कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद शर्मा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। मजिस्ट्रेट ने अब टूंडला पुलिस को भारतीय न्याय संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने और 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी की एक प्रति अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है।
पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित ने कहा कि अदालत के आदेशानुसार प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
भाषा सं. सलीम संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.