( तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया और संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी सांसदों ने निर्वाचन आयुक्तों की तस्वीरों वाला एक विशाल बैनर पकड़ा था। ये लोग निर्वाचन आयोग के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
इस बैनर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और पैनल के अन्य दो निर्वाचन आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी की तस्वीर थी और उस पर ‘‘वोट चोर’’ और ‘‘मौन अदृश्य धांधली’’ लिखा हुआ था।
संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया। उनके साथ सपा नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा सहित प्रमुख विपक्षी नेता और सांसद भी थे।
खरगे ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में संसद में अपने विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो साझा किया। उन्होंने हिंदी में किए गए पोस्ट में कहा ‘‘निर्वाचन आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) ने सबूतों के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब निर्वाचन आयोग को विपक्ष को डराकर नहीं, बल्कि जांच करके देना चाहिए।’’
उन्होंने यह भी कहा ‘‘सड़कों से लेकर संसद तक, मताधिकार की लड़ाई जारी है।’’
संसद का मानसून सत्र चल रहा है और विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि निर्वाचन आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले ‘‘मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।’’ विपक्षी सदस्य दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू होने के बाद से दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को छोड़कर, संसद में बहुत कम कामकाज हुआ है, क्योंकि विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित हुई है। ज्यादातर व्यवधान एसआईआर मुद्दे पर हुआ।
विपक्षी सांसदों ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है।
भाषा मनीषा माधव
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