नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली स्वदेशी कंपनी धरमपाल सत्यपाल समूह (डीएस ग्रुप) को उम्मीद है कि इसकी पल्स कैंडी अगले दो साल में 1,000 करोड़ रुपये का ब्रांड बन जाएगी। समूह के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में पल्स कैंडी ने 750 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है।
कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि धर्मपाल सत्यपाल (डीएस) समूह ने पल्स कैंडी को बहु-प्रारूप, बहु-अवसर की पेशकश के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए वह निकटवर्ती उत्पाद श्रेणियों में उतरेगा, नए प्रारूप पेश करेगा और क्षेत्रीय स्वादों को शामिल करेगा।
वित्त वर्ष 2024-25 में पल्स कैंडी ने एक रुपये प्रति कैंडी की कीमत पर 750 करोड़ इकाई बेचीं, जिससे 750 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
कुमार ने कहा, “हम देश में ‘हार्ड-बॉयल्ड’ कैंडी की सबसे बड़ी कंपनी हैं। इसकी बाजार हिस्सेदारी 19 प्रतिशत है, जो पिछले तीन साल में 15 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रही है, जबकि इस खंड में उद्योग की वृद्धि नौ प्रतिशत है।”
भारत में ‘हार्ड बॉइल्ड’ कैंडी बाजार का आकार लगभग 4,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
भाषा अनुराग अजय
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