(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 15 जनवरी (भाषा) अमेरिका में सदन की न्यायिक समिति के सदस्य रीप लांस गुडेन ने अमेरिकी न्याय मंत्रालय से उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ बाइडन प्रशासन में चलाए गए ‘‘चुनिंदा अभियोजन’’ के संबंध में सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का अनुरोध किया है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार के सत्ता से जाने और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने से कुछ दिन पहले यह मांग की गई है।
गुडेन ने अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को मंगलवार को लिखे एक पत्र में मांग की कि मंत्रालय अदाणी समूह पर कार्रवाई करने के अपने निर्णय से संबंधित सभी रिकॉर्ड व दस्तावेज सुरक्षित रखे तथा प्रस्तुत करे।
गारलैंड को सात जनवरी को लिखे एक अन्य पत्र में गुडेन ने मंत्रालय द्वारा समूह पर हाल ही में लगाए गए अभियोग पर गंभीर चिंता जाहिर की थी।
उन्होंने कहा कि अभियोग में आरोप लगाया गया है कि ये कृत्य पूरी तरह से भारत के अंदर किए गए, जिनमें भारतीय नागरिक तथा अधिकारी शामिल थे। इससे अमेरिकी हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
गुडेन ने कहा, ‘‘ अदाणी मामले में आरोप यदि सत्य सिद्ध भी हो जाएं, तो भी हम इस मुद्दे पर उचित तथा अंतिम मध्यस्थ नहीं बन पाएंगे। ये ‘‘रिश्वत’’ कथित तौर पर भारत में, वहां के अधिकारियों को एक भारतीय कंपनी के भारतीय अधिकारियों द्वारा दी गई थी, जिसमें किसी भी अमेरिकी पक्ष की कोई ठोस संलिप्तता नहीं है या किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसके विपरीत, न्याय मंत्रालय के अभियोग के अनुसार हमारे चुनावों के संचालन के लिए जिम्मेदार अमेरिकी कंपनी स्मार्टमैटिक के अधिकारियों ने कथित तौर पर धन शोधन किया और विदेशी सरकारों को रिश्वत दी। हालांकि, मेरे और मेरे सहयोगियों के चुनाव से पहले इन चिंताओं को दूर करने के लिए कई बार कहने के बावजूद हमें आपके मंत्रालय से कभी भी कोई जानकारी नहीं मिली।’’
मंत्रालय पर अदाणी और उनकी कंपनियों के खिलाफ अत्यधिक चयनात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए रिपब्लिकन सांसद ने गारलैंड के समक्ष कई सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के कुछ विश्वसनीय साझेदारों में से एक है, साथ ही सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
गुडेन ने कहा, ‘‘अपने शीर्ष उद्योगपतियों के खिलाफ इस तरह की लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई भारत की वृद्धि के लिए हानिकारक है…. इस मामले में भारत के अधिकार का सम्मान न करना, एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तथा प्रमुख आर्थिक व राजनीतिक सहयोगी के साथ हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को तनावपूर्ण और यहां तक कि स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।’’
रिपब्लिकन सांसद ने जोर देकर कहा कि जिन संस्थाओं ने अरबों डॉलर का निवेश किया और अमेरिकियों के लिए हजारों नौकरियों का सृजन किया उन्हें निशाना बनाने से दीर्घकाल में अमेरिका को ही नुकसान होगा।
गौरतलब है कि अमेरिका न्याय मंत्रालय और अमेरिका के प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने पिछले साल नवंबर में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के एक कार्यकारी सिरिल कैबनेस के खिलाफ रिश्वतखोरी और उसकी साजिश रचने के आरोप लगाए थे।
अदाणी समूह ने हालांकि इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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