नई दिल्ली: क्रिसमस की सर्द भरी शाम को दिल्लीवासियों और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं के एक समूह ने अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 100वें जन्मदिन पर रामायण से श्रद्धांजलि दी. पूर्व कांग्रेस नेता करण सिंह ने इस आयोजन को सुखद ‘त्रिवेणी’ बताया.
नई दिल्ली में हेरिटेज इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित संगीतमय नृत्य प्रोग्राम में पूर्व राज्यसभा सदस्य करण सिंह ने कहा, “पहली त्रिवेणी रामायण है, दूसरी क्रिसमस है और तीसरी अटलजी हैं.” सिंह के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल केटी परनायक, असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य और पूर्व संसदीय मामलों के राज्य मंत्री विजय गोयल भी शामिल हुए. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के पूरी तरह से खचाखच भरे भीम हॉल में पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और दिल्ली भाजपा इकाई के कुछ नेता मौजूद थे.
विजय गोयल ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए दिनों को याद किया. उन्होंने उन्हें ऐसा व्यक्ति बताया जिन्होंने पूरे देश को “दो पैरों” से नापा. उन्होंने देश भर में अपनी व्यापक यात्राओं के दौरान वाजपेयी द्वारा बनाए गए गहरे संबंधों का ज़िक्र किया.
गोयल ने कहा, “वह न केवल एक कवि, एक सांसद, एक प्रधानमंत्री, एक कुशल प्रशासक थे बल्कि एक अच्छे इंसान और महान इंसान भी थे.”
उन्होंने कहा कि उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया और जहां भी गए वहां अपनी छाप छोड़ी.
शाम का मुख्य आकर्षण उर्वशी नृत्य संगीत कला सांस्कृतिक सोसायटी द्वारा रामायण का डेढ़ घंटे लंबा मंत्रमुग्ध कर देने वाला मंचन था. रंगों, संगीत और नृत्य ने दर्शकों को अयोध्या की दुनिया में पहुंचा दिया, जिससे रामायण की शाश्वत भावना जागृत हुई.
मंचन में रामायण की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाया गया — सीता स्वयंवर और राम के वनवास से लेकर सीता के अपहरण और रावण के वध तक. राजनीतिक नेताओं से भरे दर्शकों ने जय श्री राम के नारे लगाकर उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया दी, जिसमें कुछ उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं.
परनायक ने कहा, “वाजपेयी शासन के प्रतीक थे और उन्होंने राजनीतिक अस्थिरता को स्थिरता में बदल दिया और देश को एक नई दिशा दी.”
श्रद्धांजलि सभा से ठीक पहले, ओम बिड़ला ने वाजपेयी की ज़िंदगी पर आधारित एक फोटो गैलरी का उद्घाटन किया. इसमें उनके बचपन के साथ-साथ उनकी राजनीतिक और संसदीय यात्रा को दर्शाने वाली दुर्लभ तस्वीरें प्रदर्शित की गईं.
वाजपेयी ने एक कविता पाठ के दौरान कहा था, “कदम मिलाकर चलना होगा”. इस पल का एक वीडियो क्लिप नई गैलरी में एक स्क्रीन पर दिखाया गया.
वाजपेयी को “सबके अटल” कहते हुए बिड़ला ने कहा, “संसद के माध्यम से उन्होंने लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव लाया और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाया. उनका जीवन हमें प्रेरित करता रहेगा.”
‘एक अद्भुत व्यक्ति’
93-वर्षीय करण सिंह ने 1999 के लोकसभा चुनाव को याद किया, जिसमें उन्होंने लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
सिंह ने कहा, “हमारी पार्टी (कांग्रेस) को कोई नेता नहीं मिल पाया. अटलजी के खिलाफ लड़ने की हिम्मत किसी में नहीं थी, क्योंकि वे लखनऊ से तीन बार जीत चुके थे.”
उन्होंने कहा कि ‘रघुवंशी (क्षत्रिय)’ होने के नाते वे अपने प्रतिद्वंद्वी के शक्तिशाली राजनीतिक कद से नहीं डरते थे.
सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान वाजपेयी ने वादा किया था कि वे तीन बार से अधिक चुनाव नहीं लड़ेंगे. दर्शकों की तालियों के बीच सिंह ने कहा, “अटलजी ब्राह्मण थे. मैं नहीं चाहता था कि वे अपना वादा तोड़ें.”
सिंह ने आगे याद किया कि वाजपेयी ने अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए एक मज़ाकिया जवाब दिया था, “आपके पास कश्मीर में एक महल और बगीचा है. आप यहां (लखनऊ) क्यों आए?”
सिंह और वाजपेयी ने “कभी लड़ाई नहीं की” और चुनाव के बाद भी “अच्छे संबंध” बनाए रखे. सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में कहा, “वे एक अद्भुत व्यक्ति थे.”
हालांकि, रामायण के मंचन से पहले सिंह ने दर्शकों को एक सुझाव दिया. “केवल श्री राम में आस्था ही काफी नहीं है. उन्होंने (राम ने) जो मर्यादाएं स्थापित की हैं, हमें उन्हें भी याद रखना चाहिए.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए करण सिंह ने कहा कि वह देश के लिए “कड़ी मेहनत” कर रहे हैं और “बहुत कुछ” कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “हमें एक नया भारत बनाना है, लेकिन यह केवल प्रधानमंत्री का काम नहीं है. यह हमारे समाज का काम है.”
(इस फीचर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: 1996 में BJP सबसे बड़े दल के रूप में उभरी, फिर क्यों 13 दिन में ही गिर गई थी अटल वाजपेयी की सरकार