गुरुग्राम: आम चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में अपने भविष्य को लेकर अभी भी दुविधा की स्थिति में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने आखिरकार इस पर विचार करने का फैसला किया कि क्या वह बीजेपी के साथ उसकी सुविधा राजनीति को इस चुनाव के लिए भी जारी रखेगी या वे अपने रास्ते अलग कर लेंगे?
हरियाणा जेजेपी अध्यक्ष निशान सिंह के अनुसार, पार्टी सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला ने इसका पता लगाने के लिए छह सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया है. समिति में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला, हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष के.सी. बांगड़, जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बृज शर्मा, हरियाणा के श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक, नारनौल नगर निगम के चेयरपर्सन कमलेश सैनी और जेजेपी नेता राम निवास यादव शामिल होंगे.
ऐसा पैनल गठित करने का निर्णय रविवार को करनाल के घरौंडा में आयोजित पार्टी सम्मेलन में लिया गया.
सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “पैनल को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन के मुद्दे पर अगले सात दिनों में एनडीए नेतृत्व के साथ समन्वय करने और एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. पार्टी एनडीए के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ना पसंद करेगी. हालांकि, अगर ऐसा नहीं होता है, तो जेजेपी अकेले सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है.”
जेजेपी का एक पैनल गठित करने का निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा एक बार फिर यह संकेत दिए जाने के एक दिन बाद आया है कि भाजपा हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती है. ऐसा पार्टी नेताओं ने पहले भी कई बार कहा है.
गौरतलब है कि बीजेपी ने कई बार यह भी संकेत दिया है कि जेजेपी के साथ गठबंधन “केवल सरकार चलाने के लिए था.”
खट्टर ने शनिवार को सभी 10 संसदीय क्षेत्रों में पार्टी के चुनाव कार्यालयों का उद्घाटन करने के बाद कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के लिए लगातार तीसरी बार अनुकूल माहौल पहले ही उभर चुका है. एनडीए देश में 400 सीटें जीतेगी जबकि हरियाणा के लोग राज्य की सभी 10 सीटों पर कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) खिलने में मदद करेंगे.”
हरियाणा में 10 में से 10, देश में 400 पार!
फिर एक बार, भाजपा सरकार!आज गुरुग्राम में भाजपा के उत्साहित और समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत विधानसभा स्तर के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में देश व प्रदेश की… pic.twitter.com/P82iWXbghE
— Manohar Lal (मोदी का परिवार) (@mlkhattar) March 2, 2024
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गठबंधन की परेशानियां
पिछले कुछ समय से गठबंधन सहयोगियों के बीच परेशानी के संकेत देखे जा रहे हैं, दोनों दलों के बीच साझा हित की सीटों को लेकर खींचतान चल रही है.
पिछले जून में, दुष्यंत चौटाला के गृह क्षेत्र, सिरसा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता से हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को जिताने में मदद करने की अपील की. इससे अटकलें तेज हो गईं कि भाजपा जेजेपी को छोड़ने पर विचार कर सकती है, जिसके साथ उसने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद गठबंधन किया था.
वर्तमान में, हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में जेजेपी की 10 सीटों के मुकाबले भाजपा के पास 41 सीटें हैं. इस बीच, उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं.
जेजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, हालांकि पार्टी नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में जनता के मूड के कारण एनडीए के साथ अपना गठबंधन जारी रखने के पक्ष में है, लेकिन भाजपा ने अभी तक इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की है.
जेजेपी नेता ने कहा, “लेकिन पिछले महीने जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) से भाजपा ने जिस तरह से संपर्क किया है उससे यह उम्मीद जगी है कि कि वह हमारी पार्टी के साथ भी ऐसा ही करेगी. हम सोच रहे थे कि भाजपा हमें हिसार और भिवानी में से एक या दो सीटों की पेशकश करेगी – जिन सीटों पर दुष्यंत चौटाला और उनके पिता अजय सिंह चौटाला पहले चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि, अभी तक किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है और अब, हमें अपने गठबंधन सहयोगी के साथ चीजें स्पष्ट करने की जरूरत है.”
इस बीच, जेजेपी ने रविवार को घोषणा की कि वह केंद्र सरकार से जेजेपी सुप्रीमो अजय चौटाला के दादा पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशी राम को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए कहेगी.
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