नई दिल्ली: अमित शाह के देश का नया गृहमंत्री बनने के बाद अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए एक नई चुनौती सामने है. केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार के आपसी सामजंस से ही दिल्लीवासियों की बेहतरी संभव है. इसी को देखते हुए केजरीवाल को गृह मंत्री के साथ न सिर्फ रिश्ते सुधारने होंगे बल्कि कई योजनाओं के लिए मंत्रालय से मंजूरी के लिए भी तालमेल बैठाना बेहद जरूरी होगा.
कानून व्यवस्था, पुलिस सभी गृह मंत्रालय के अंडर में
दिल्ली की कानून व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुड़े मसले सीधे तौर पर उपराज्यपाल द्वारा गृह मंत्रालय के अधीन होते है. इन सब पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार ही करती है. उपराज्यपाल दिल्ली से संबंधित सभी मसलों पर सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं. वहीं दूसरी ओर अफसर और कर्मचारी दिल्ली की सरकार से तय की गई योजनाओं पर काम करते हैं.
ऐसे में योजनाओं और सामान्य कार्यों में अड़चन से बचने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और सीएम केजरीवाल के बीच रिश्ते बेहतर होने बेहद जरूरी हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है. इसके चलते दोनों आम आदमी पार्टी और भाजपा के लिए यह बेहद ही अहम भी है.
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केजरीवाल चुनाव में कर चुके हैं सीधा हमला
लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के सीएम केजरीवाल कई बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर सीधा हमला बोल चुके हैं. उन्होंने शाह पर हमलवार होते हुए भाजपा को वोट नहीं देने की अपील भी की थी.
इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट भी किया था जो चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इसमें केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजपा की सरकार दोबारा केंद्र में आती है तो अमित शाह देश के गृह मंत्री बनेंगे. जिस देश के गृह मंत्री अमित शाह होंगे. उस देश का क्या होगा. लोगों यह सोच समझकर वोट करना. केजरीवाल के इस ट्वीट के बाद भाजपा के कई बड़े नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया था.
दोनों के मिलने पर सबकी निगाहें
अमित शाह ने गृह मंत्रालय का प्रभार का संभाल लिया है. ऐसे में सबकी नजरें अमित शाह और अरविंद केजरीवाल के बीच शिष्टाचार भेंट कब होगी इस पर है. फिल्हाल अभी यह तय नहीं है. 2014 में जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री बने थे तब दिल्ली के सीएम और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जाकर उनसे मुलाकात की थी. दिल्ली में अच्छी शासन व्यवस्था के लिए दोनों में तालमेल बहुत आवश्यक है.
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अफसरों का तबादला, मुख्य सचिव पर हमला, राज्स सरकार के बिल अटकाने जैसे कई विषयों को लेकर दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय के बीच तकरार चलती रही है. कई बार गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बिल यह कहकर लौटा दिए कि इसे बनाते वक्त सही प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. ये बिल आप सरकार के अधिकारों के अंतर्गत नहीं आते हैं. इसके अलावा कई योजनाओं को मंजूर नहीं किया. इसके चलते सीएम केजरीवाल और तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर हमला भी बोलते रहे हैं.