सजायाफ्ता हत्यारे-बलात्कारी और स्वयंभू धर्मगुरु गुरमीत राम रहीम सिंह का गर्भवती महिलाओं के लिए एक संदेश है कि उन्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए. कुछ चुनिंदा भक्तों के लिए किए गए ज़ूम सेशन में राम रहीम के उपदेश थे, “गर्भावस्था में मां जो भी करती है उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है. महाभारत का अभिमन्यु इसका एक महान उदाहरण है.”
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख एक बार फिर पैरोल पर बाहर है — 2017 में अपनी सज़ा के बाद से नौवीं बार. वो हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा दी गई इन नियमित राहतों का उपयोग खुद को डिजिटल दर्शन की पेशकश करने वाले एक ऑनलाइन गुरु के रूप में फिर से स्थापित करने और अपनी पहुंच को पंजाब-हरियाणा बेल्ट से लेकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से तक बढ़ाने के लिए करता है.
उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने शाह सतनाम आश्रम की किले जैसी दीवारों के भीतर विराजमान राम रहीम अपनी बात फैलाने और अधिक भक्तों/फॉलोअर्स को हासिल करने के लिए फेसबुक, यूट्यूब और ज़ूम का उपयोग कर रहा है.
लेकिन जबकि उसके भक्त उससे ठीक से नहीं मिल पाते, उसके पीड़ित हर बार जेल से बाहर निकलने पर छिपने के लिए इधर-उधर भागते हैं. तथ्य यह है कि वो दो महिला शिष्याओं के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सज़ा काट रहा है और एक पत्रकार और एक डेरा प्रबंधक की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सज़ा काट रहा है, जिसने उसकी शक्ति और पहुंच को कम करने के लिए कुछ नहीं किया है.
डेरा सच्चा सौदा की प्रवक्ता संदीप कौर गिल के लिए राम रहीम का हर उपदेश रहस्यपूर्ण है. क्रीम रंग की ट्यूनिक और मैचिंग पैंट्स में वे आश्रम के ‘मीडिया सेल’ में बैठती है, एक खाली कमरा जिसमें कोई टीवी, कंप्यूटर या लैपटॉप नहीं है, और ‘पिता जी की शिक्षाओं’ के बारे में बात करती है. वे कहती है, “इन ऑनलाइन सत्रों में पिता जी सिखाते हैं कि किसी को कैसे जीना चाहिए.”
उसके यूट्यूब चैनल, सेंट एमएसजी के 1.25 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. अपने सबसे हालिया वीडियो में अपने भक्तों को संबोधित करते हुए आग्रह किया कि वे उत्तर प्रदेश में उससे मिलने न आएं — आखिरकार, वह हमेशा डिजिटल दर्शन के लिए उपलब्ध है. उसने कहा, “सबसे पहले तो मैं आपकी सेवा में हाज़िर हूं, आपके दर्शनों के लिए, दूसरी बात जो हर बार कहते हैं कि आपने यूपी में नहीं आना, जैसे सेवादार, ज़िम्मेदार आपको बताएंगे, आपने वहीं रहके खुशियां मनानी हैं.” 11 दिन पहले रिलीज़ हुए इस वीडियो को लगभग 388K बार देखा जा चुका है.
संदीप का दावा है, “डिजिटल सत्रों के साथ, हमें अन्य देशों में भी फॉलोअर्स मिले हैं. पूरी दुनिया में पिता जी के लगभग — 6.5 करोड़ लोग भक्त हैं. 2017 के बाद भक्तों की संख्या में गिरावट आई, लेकिन यह वापस लौट आई.”
राम रहीम ने 21 दिन की फर्लो पर बाहर आने के बाद हरियाणा की सुनारिया जेल में केवल एक महीना बिताया था जब मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 19 जनवरी को उसे 50 दिन की पैरोल दी थी. तब से, बागपत में उसके भक्त जश्न मना रहे हैं — हालांकि, आश्रम के बाहर इकट्ठा होने के खिलाफ चेतावनी दी गई है. पैरोल की बारंबारता ने भक्तों को आश्वस्त कर दिया है कि उनके ‘पिता’ जल्द ही हमेशा के लिए जेल से बाहर आ जाएंगे.
बागपत में 58-वर्षीय एक भक्त ने कहा, “किसने सोचा होगा कि पिता जी इतनी बार हमसे मिलने आएंगे? भले ही वो हमसे शारीरिक रूप से नहीं मिल सकते, लेकिन उनकी ऑनलाइन उपस्थिति बहुत मायने रखती है. अब हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह जेल से बाहर आएंगे और सभी आरोप हटा दिए जाएंगे क्योंकि सरकार भी उनकी ताकत को समझती है.”
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डिजिटल दर्शन, ऑनलाइन गुरुकुल
केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही इस बड़े आश्रम में आने की इज़ाज़त है. सादे कपड़े पहने निजी सुरक्षाकर्मी, आश्रम के चमकीले रंग वाले सात दरवाज़ों में से प्रत्येक के सामने सावधान खड़े हैं. अंदर, भक्त दबी ज़ुबान में सिंह की ‘सरल’ ज़िदगी के बारे में बात करते हैं.
राम रहीम का खाना नियंत्रित है — केवल छह ग्राम गेहूं का आटा और कोई चीनी नहीं. वो सुबह जल्दी उठता है और लगभग 16-25 किलोमीटर तक पैदल या जॉगिंग करता है. वो अपना समय बागवानी, खेती और अपने फॉलोअर्स द्वारा किए गए कार्यों की देखरेख में बिताता है. यह उसके चमकदार लव चार्जर गाने के दिनों से एकदम उलट है, जब वो धारीदार पैंट और स्फटिक और सोने से सजी बनियान में गाने गाता था.
अपनी शक्ति के चरम पर राम रहीम अपनी भव्य और विचित्र जीवनशैली के लिए जाना जाता था, जिसमें तेज़ कारें, बाइक और सोने के आभूषणों का भंडार शामिल था. जब पुलिस ने 2017 में उसके सिरसा आश्रम पर छापा मारा, तो उन्हें एफिल टॉवर और ताज महल की प्रतिकृतियां और 800 एकड़ में फैले लक्जरी विला, रेस्तरां, स्पा और स्टेडियम मिले.
संदीप बताती है, “ज्यादातर, गुरु जी योग और खेती करते हैं. वो अपना बिस्तर बनाने सहित सब कुछ स्वयं ही करते हैं. वे अपनी जीवनशैली से एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं.” संदीप सेंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल (सह-शिक्षा) की प्रिंसिपल भी हैं. राम रहीम की वजह से वह यहां यूपी में हैं. इन दिनों, अपना ज्यादातर समय मीडियाकर्मियों, भक्तों की सेवा करने और डिजिटल दर्शन आयोजित करने में बिताती हैं.
अक्सर आयोजित होने वाले एक घंटे के डिजिटल सेशन — कभी-कभी लगभग दैनिक — सबसे अधिक मांग वाले कार्यक्रम होते हैं, लेकिन वे बहुत सारे प्रोटोकॉल और सुरक्षा के साथ आते हैं.
राम रहीम अपने भक्तों को ज़ूम कॉल के जरिए से संबोधित करते हैं, लेकिन सभी को आमंत्रण लिंक नहीं मिलता है. इसे केवल मुट्ठी भर डेरा आश्रमों में भेजा जाता है, जिनके प्रमुख सत्संग का आयोजन करते हैं. रिपोर्टों में कहा गया है कि कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित लगभग 46 आश्रम हैं. अगर सिरसा में मुख्य केंद्र के लिए लिंक बनाया जाता है तो केवल सिरसा डेरा के श्रद्धालुओं को ही इसमें शामिल होने की इज़ाज़त दी जाती है.
संदीप ने बताया, पिता जी लोगों को ज़ूम सेशन में डिजिटल फास्टिंग (यानी इलेक्ट्रॉनिक आइटम से दूर रहने) के महत्व के बारे में समझाते हैं.
जिन लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया है, उनके लिए राम रहीम से जुड़ने के अन्य तरीके हैं — फेसबुक और यूट्यूब पर जहां वीडियो क्लिप और उपदेश नियमित रूप से अपलोड किए जाते हैं.
25 जनवरी को सभी डेरों ने डेरा सच्चा सौदा के दूसरे आध्यात्मिक नेता शाह सतनाम सिंह की 105वीं जयंती मनाई. लाखों श्रद्धालु सिरसा डेरे में पहुंचे — लोगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने की छोटी क्लिप फेसबुक पर अपलोड की गईं. यह एक बयान था, राम रहीम के प्रभाव और शक्ति को प्रदर्शित करने का एक अवसर था.
ऐसे ही एक वीडियो क्लिप के कैप्शन में लिखा है, “आस्था के उत्सव में लाखों भक्त प्रेम और एकता की भावना प्रदर्शित करते हुए शामिल होते हैं.”
इस अवसर को चिह्नित करने के लिए राम रहीम ने अपने यूट्यूब चैनल पर 49 सेकंड का एक वीडियो अपलोड किया. सिंह ने समर्थकों को महीने भर चलने वाले ‘एमएसजी भंडारा’, या शाह सतनाम सिंह की जयंती (25 जनवरी) के उत्सव के अवसर पर भी बधाई दी, (एमएसजी वो निकनेम है जिसका उपयोग वो डेरा के अब तक के तीन प्रमुखों – शाम मस्ताना, शाह सतनाम सिंह और स्वयं राम रहीम सिंह) के नामों पर करता है.
कॉमेंट सेक्शन में फॉलोअर्स उस व्यक्ति की प्रशंसा और उससे प्यार कर रहे हैं जिसे वे ‘पिता जी’ कहते हैं.
युवाओं को संबोधित करने के लिए गुरु जी गाने बनाते हैं, उन्होंने इसी उद्देश्य से फिल्में भी बनाईं – संदीप
एक फॉलोअर लिखता है, “बधाई हो एमएसजी पापा…” एक अन्य ने उसे “दुनिया का सबसे अच्छा पिता” कहा और दिल और इमोजी से भरे तीसरे कॉमेंट में था, “लव यू पापा जी…धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा.”
राम रहीम की एक और लोकप्रिय संपत्ति ‘ऑनलाइन गुरुकुल’ है. किसी भी अन्य कुशल स्व-सहायता प्रभावशाली व्यक्ति की तरह, उसके कईं वीडियो ‘कैसे करें’ वाले कीवर्ड के साथ खुशी, कल्याण का वादा करते हैं. ‘आने वाले समय को कैसे करें खुशहाल’ टाइटल वाला एक वीडियो उतना ही फेमस है जितना ‘tips on time management’ और ‘tips to make your life happier’ है.
राम रहीम ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किए गए ऐसे ही एक वीडियो में कहा, “समय बहुत मूल्यवान है. जो सांस चली गई वह वापस नहीं आती.” उसकी सफेद टोपी और पोशाक उसकी गर्दन पर लिपटी सोने की चेन से बिल्कुल अलग थी. अन्य स्वयंभू बाबाओं से परे, राम रहीम भक्तों की एक नई पीढ़ी के अनुकूल होने के लिए बना है जो लंबे उपदेशों के बजाय छोटी वीडियो क्लिप के साथ अधिक सहज है.
संदीप कहती है, “गुरु जी युवाओं को संबोधित करने के लिए गाने बनाते हैं; उन्होंने इसी उद्देश्य से फिल्में भी बनाईं हैं.”
सेशन में हिस्सा लेने वाले फॉलोअर्स काफी प्रभावित हैं और कहते हैं कि वे राम रहीम की ऑनलाइन उपस्थिति का आनंद लेने की इज़ाज़त मिलने के लिए भाग्यशाली हैं.
शाह सतनाम आश्रम के एक सेवादार जो उन 300 लोगों में से एक हैं जिन्होंने अपना जीवन डेरा की सेवा में समर्पित कर दिया है, ने कहा, “वे पालन-पोषण के बारे में सिखाते हैं. माता-पिता को किशोरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए कि उनके साथ नम्रता से पेश आना चाहिए. उनकी भौतिक उपस्थिति हमारे लिए उतनी महत्वपूर्ण नहीं है. वे सूरज हैं जिनकी किरणें हम तक तब भी पहुंचती हैं जब वह जेल में होते हैं.”
पानी और भोजन बांटने के कार्यों में लगे सेवादारों की समितियां, दिन के काम के लिए शिफ्ट इंचार्ज और भक्तों की एक सेना है, जिनके लिए भगवान का हर शब्द एक आदेश है.
बागपत आश्रम की सिक्योरिटी टीम से जुड़े एक भक्त ने कहा, “उनके आदेश अंतिम हैं; वे जो भी कहते हैं हम उसका पालन करते हैं.”
पार्किंग की देखभाल से लेकर सुरक्षा और भोजन बांटने की देखरेख तक, सेवादार अपना सारा काम सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं.
मीडिया रूम में बातचीत में शामिल एक भक्त ने कहा, “हम सेना नहीं हैं, बल्कि राम रहीम के फॉलोअर हैं, उनके भक्त हैं.” बाहरी लोगों को आश्रम में अधिक अंदर जाने की अनुमति नहीं है.
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सभी मौन
राम रहीम 19 जनवरी की शाम को केवल चार से पांच कारों के एस्कॉर्ट के साथ चुपचाप बागपत पहुंचा. बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले, उसके दल में 20 कारें और गार्डों की एक पलटन शामिल थी.
आश्रम के पास का एक निवासी, जो उस समय वहां से गुज़र रहा था, ने बताया, “केवल 4-5 गाड़ियां थीं और हम गुरु जी को नहीं देख पाए. कुछ सुरक्षा गार्ड थे, लेकिन गेट पर उनका स्वागत करने के लिए कोई नहीं था.”
यह देखते हुए कि शाह सतनाम आश्रम वो जगह है जहां राम रहीम अपने कई पैरोल और फर्लो के दौरान रुका था, पुलिस उसकी उपस्थिति से भयभीत है. नाम न छापने की शर्त पर पुलिस के एक जूनियर अधिकारी ने कहा कि वे निर्देशों का पालन करते हैं. पुलिसकर्मी ने कहा, “हमें उसे आश्रम तक छोड़ने में कोई परेशानी नहीं हुई. प्रबंधन के लिए कोई भीड़ नहीं और यातायात संबंधी कोई समस्या नहीं. आश्रम के गेट पर बहुत कम पुलिसकर्मी हैं.”
भक्त राम रहीम के रोने को छिपाना पसंद करते हैं जब उसे 2017 में दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया था. रिपोर्टों के अनुसार, न्यायाधीश द्वारा दोषी का फैसला सुनाए जाने के बाद वे फर्श पर गिर गया और कमांडो की एक टीम द्वारा बचाए जाने के दौरान माफी के लिए रोने लगा. इसके बजाय, उसने ज़िंदगी में नए ‘स्वस्थ’ दृष्टिकोण को अपनाया है.
डेरा के दिल्ली हेल्पलाइन नंबर पर फोन कॉल का जवाब ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के साथ दिया जाता है.
हेल्पलाइन में काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “गुरु जी हर वो अच्छा काम कर रहे हैं जो इस दुनिया में संभव है. वे विधवाओं, गरीब बच्चों, महिलाओं, किसानों, नशेड़ी लोगों और कई अन्य लोगों के लिए काम कर रहे हैं.”
प्रचलित कहानी के अनुसार, राम रहीम बहुत कुछ है — एक डॉक्टर, लाइफ कोच, किसान, गायक, अभिनेता, लेखक और भी बहुत कुछ. उसके फॉलोअर्स को यकीन है कि उसे गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वे बॉलीवुड और नशा माफिया के लिए खतरा थे.
एक भक्त ने आरोप लगाया, “पिताजी नशा माफिया के खिलाफ काम कर रहे थे और उन्होंने फिल्में बनाना भी शुरू कर दिया था. बॉलीवुड उनसे भयभीत हो गया और सभी ने मिलकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.”
भयभीत पीड़ित
सीबीआई जांच का नेतृत्व करने वाले एक अधिकारी ने उस समय टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, एक ओर जहां उसके भक्त डिजिटल उपदेशों और कई पैरोलों का जश्न मना रहे हैं, वहीं अदालत में राम रहीम के खिलाफ बोलने वाले लोग प्रतिशोध के डर में जी रहे हैं. 2017 में उसे दोषी ठहराना लगभग असंभव था. यह एक ऐसी जांच थी जिसे कोई भी आगे नहीं बढ़ाना चाहता था और गवाहों और पीड़ितों को या तो मार दिया गया, लापता हो गए, या अपने बयान से मुकर गए.
पत्रकार अंशुल छत्रपति ने कहा, “जब हम उसके खिलाफ लड़ रहे थे, तो हम डरे नहीं, हम योद्धाओं की तरह लड़े और जीते, लेकिन जब सरकार उसे इस तरह रिहा करती है, तो हम निराश हो जाते हैं.” अंशुल के पिता राम चंदर छत्रपति भी एक पत्रकार थे, उनकी लड़कियों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न को उजागर करने वाली खबरों की एक सीरीज़ चलाने के लिए राम रहीम द्वारा हत्या कर दी गई थी. राम रहीम के जेल से बाहर आने पर उसके खिलाफ गवाही देने वाली महिलाएं छिप जाती हैं. अंशुल कहते हैं, “मैं उनसे (महिलाओं से) मिला हूं और वे इस स्थिति को लेकर बहुत भयभीत लग रही हैं.”
कई गवाह राम रहीम के खिलाफ चल रहे मामले का हिस्सा हैं जहां उस पर 400 लोगों को नपुंसक बनाने का आरोप है. यह मामला उसके एक पूर्व सहयोगी हंसराज चौहान (42) द्वारा चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका के आधार पर उठाया गया था.
चौहान ने कहा, “मैं हर दिन डर में रहता हूं. उसके शार्प शूटर अभी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. वो बहुत शक्तिशाली है.” उन्होंने 14 साल सिरसा डेरा में बिताए जहां वे गाते थे और म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स बजाते थे. हालांकि, कथित बधियाकरण एक दशक से भी अधिक समय पहले हुआ था, लेकिन चौहान और अन्य लोग जीवन में आगे बढ़ने या नौकरी पाने में सक्षम नहीं हैं.
जब भी राम रहीम सिंह पैरोल पर बाहर आता है तो मेरा फोन बजने लगता है. मेरे दोस्त और परिवार वाले मुझे सावधान रहने के लिए सचेत करते रहते हैं क्योंकि वह बाहर है : श्याम मीरा सिंह
पत्रकार अनुराग त्रिपाठी ने अपनी किताब Dera Sacha Sauda and Gurmeet Ram Rahim: A Decade-long Investigation में लिखा है कि कैसे राम रहीम युवा लड़कों को डेरा सच्चा सौदा के अस्पताल में भेजता था, लेकिन जैसे-जैसे पीड़ितों की संख्या बढ़ती गई, इसे गुप्त रखना मुश्किल होता गया. त्रिपाठी लिखते हैं, “कुछ लोगों ने इससे बचने के लिए भागने की कोशिश की. जो लोग भागने की कोशिश करते हुए पकड़े गए, उन्हें पीटा गया और कई दिनों तक यातना कक्ष में रखा गया.”
कानूनी प्रतिशोध के डर से भी लोग बात करने से डरते हैं. एक युवा यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह, जिन्होंने राम रहीम के बारे में एक वीडियो बनाया था, पर मुकदमा दायर किया गया था.
सिंह कहते हैं, “जब भी राम रहीम सिंह पैरोल पर बाहर आता है, मेरा फोन बजने लगता है. मेरे दोस्त और परिवार मुझे सावधान रहने के लिए सचेत करते रहते हैं क्योंकि वह बाहर है.” हालांकि, अदालत से मुकदमा जीतने के बाद श्याम ने उस वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर फिर से पोस्ट कर दिया है.
उन्होंने कहा, “मुझे अपने परिवार के लिए डर है. जब एक व्यक्ति जो दोषी है और जेल में है, मेरे खिलाफ 2 करोड़ रुपये का मानहानि का मामला दायर कर सकता है, तो कौन जानता है कि रिहा होने के बाद वह और क्या कर सकता है.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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