scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमदेश'लुटेरे पूंजीपतियों के लोन माफ किए, हमारे नहीं', MSP और कर्जमाफी के लिए किसान फिर सड़क पर उतरे

‘लुटेरे पूंजीपतियों के लोन माफ किए, हमारे नहीं’, MSP और कर्जमाफी के लिए किसान फिर सड़क पर उतरे

चंडीगढ़ राजभवन तक मार्च पर प्रदर्शनकारियों ने कहा, "फिलहाल, यह तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन है और आगे का निर्णय हमें सरकार से मिलने वाली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा."

Text Size:

मोहाली (पंजाब) : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों की लंबित मांगों को लेकर रविवार को मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.

प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, “कॉर्पोरेट लूट रहे हैं और उनके लाखों-करोड़ों रुपये के कर्ज माफ कर दिए गए हैं, लेकिन किसानों के नहीं. ये कर्ज के जाल हमारे किसान मित्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहे हैं. इस विरोध के माध्यम से, हम यह मांग उठा रहे हैं कि किसानों का कर्ज जल्द से जल्द माफ किया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भी यही वादा किया था और कुछ राज्य सरकारों ने भी इसी तरह की प्रतिबद्धता जताई थी.”

उन्होंने कहा, ”हम इस मांग को आगे बढ़ाने के लिए तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आने वाले दिनों में किसानों को एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि जब अन्य राज्यों में एमएसपी, कर्ज माफी और अन्य मुद्दों पर जमावड़ा होगा तब देश की सत्ता की राजधानी दिल्ली में एक सामूहिक अभियान और आंदोलन शुरू किया जाएगा.

चंडीगढ़ राजभवन तक मार्च पर प्रदर्शनकारियों ने कहा, “फिलहाल, यह तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन है और आगे का निर्णय हमें सरकार से मिलने वाली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा.”

संयुक्त किसान मोर्चा एक व्यापक संगठन है जिसमें पंजाब और अन्य राज्यों के किसान संघ शामिल हैं.

इन विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से एसकेएम द्वारा उठाई जा रही कुछ मांगों में केंद्र सरकार से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, कर्ज माफी, किसानों के लिए पेंशन आदि शामिल है.

किसान, फसल की पराली जलाने पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने और बाढ़ से हुई फसल क्षति के मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.

एसकेएम नेताओं ने पहले कहा था कि बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे और अगर बीच में नहीं रोका गया तो वे राज्यपाल के आवास की ओर मार्च करेंगे.

उन्होंने कहा कि रविवार और सोमवार को विरोध प्रदर्शन मोहाली-चंडीगढ़ सीमा तक ही सीमित रहेगा, गुरु पर्व समारोह के बाद एसकेएम चंडीगढ़ में राजभवन तक मार्च करने पर विचार करेगा.

हालांकि, ऐसा होने की संभावना कम लगती है क्योंकि चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमनदीप बराड़ ने बताया, “पुलिस प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. हमें पता था कि तीन दिनों तक किसान मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर बैठेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए, मोहाली पुलिस के साथ चंडीगढ़ प्रशासन ने यहां वाटर कैनन और फायर ब्रिगेड के साथ सुरक्षा तैनात की है.”

उन्होंने कहा, “हम बहुस्तरीय सुरक्षा के साथ तैयार हैं. इन 3 दिनों के दौरान आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था की गई है.”


यह भी पढ़ें : कांग्रेस, BJP ने कालेश्वरम को KCR का ‘ATM फार्महाउस प्रोजेक्ट’ कहा, तेलंगाना के वोटरों को दिलचस्पी नहीं


 

share & View comments