नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली अध्यादेश की जगह लेने वाले केंद्र द्वारा संसद में लाए जा रहे बिल का समर्थन करने पर बीजू जनता दल (बीजेडी) और वाईएसआरसीपी को चेतावनी देते हुए आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा भाजपा उन राज्यों में सरकार गिराने का मौका आने पर चूकेगी नहीं, जहां वे शासन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी है, जबकि जगमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश में सत्ता में है. भारद्वाज ने कहा, “विपक्ष की कुछ पार्टियां- बीजेडी और वाईएसआरसीपी संसद में बीजेपी की मदद कर रही हैं. इन पार्टियों के अपने राजनीतिक विचार हो सकते हैं. हालांकि, जब भी भाजपा को इन राज्यों में उनकी सरकारें गिराने का मौका मिलेगा, वह ऐसा करने में हिचकिचाएगी नहीं.”
बुधवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू होगी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को पास करने के लिए सदन में पेश करेंगे.
इससे पहले, मंगलवार को, बीजू जनता दल सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली सर्विसेज बिल पर सरकार का समर्थन करेगी.
बीजेडी का यह आधिकारिक बयान संयुक्त विपक्ष को झटका देने वाला है, जो कि राज्यसभा में बिल को गिराने के लिए बहुमत जुटाने में लगा हुआ है.
चिदंबरम ने भी दोनों दलों की आलोचना की
मंगलवार को, सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इस विधेयक पर केंद्र को समर्थन देने के लिए बीजेडी और वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा था. पूर्व गृहमंत्री ने कहा था वह यह समझने में असमर्थ हैं कि उन्हें इस विधेयक में क्या काम की चीज दिखी.
चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, “दिल्ली सर्विसेज अथॉरिटी विधेयक का बीजेपी के सांसद समर्थन कर रहे हैं यह समझ में आता है, लेकिन आखिर बीजेडी और वाईएसआरसीपी को इस बिल में क्या काम की चीज नजर आई.”
इस विवादास्पद बिल को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को निचले सदन में पेश किया था.
यह विधेयक, केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है.
केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए यह अध्यादेश जारी किया था.
यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसले के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं को नियंत्रित करने की शक्ति आप सरकार को सौंपने के कुछ दिनों बाद जारी किया गया था.
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