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Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीतिजिसने 'प्रतिबंधित दवाइयां' बेचने वाले को पकड़वाया, उसी को किया गया गिरफ्तार तो पंजाब में गरमाई राजनीति

जिसने ‘प्रतिबंधित दवाइयां’ बेचने वाले को पकड़वाया, उसी को किया गया गिरफ्तार तो पंजाब में गरमाई राजनीति

परविंदर सिंह को तब गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने एक दुकानदार के गले में जूतों की माला डालकर कथित तौर पर उसकी परेड निकाली, क्योंकि एक विक्रेता ने उसके दुकान से 'प्रतिबंधित कैप्सूल' खरीदे थे.

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चंडीगढ़: पंजाब में केमिस्टों द्वारा नशीली दवाओं की अवैध बिक्री का खुलासा करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता को मानसा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिससे राज्य में राजनीतिक हंगामा मच गया है.

कार्यकर्ता परविंदर सिंह उर्फ झोटा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद मानसा की एक अदालत ने उसी दिन उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

परविंदर और उनके छह सहयोगियों पर आईपीसी की धारा 355 (अपमानजनक इरादे से आपराधिक हमला), 451 (घर में अतिक्रमण), 148 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

परविंदर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा था और केमिस्टों के एक वर्ग पर नशेड़ियों को फार्मास्युटिकल दवाओं की आपूर्ति करने का आरोप लगा रहा था. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, विशेष रूप से ड्रग इंस्पेक्टरों पर भी निशाना साधा था, जिनसे उम्मीद की जाती है कि वे फार्मास्युटिकल दवाओं की बिक्री पर नज़र रखेंगे, जिनका नशीली दवाओं के आदी लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है.

12 जुलाई को एक कथित वीडियो में परविंदर ने अपने समर्थकों के साथ एक कथित ड्रग तस्कर को पकड़ा था जो प्रतिबंधित कैप्सूल बेच रहा था. वह व्यक्ति उन्हें एक दुकान पर ले गया जहां से वह कथित तौर पर प्रतिबंधित दवा खरीद रहा था.

वीडियो में दिखाया गया है कि परविंदर और अन्य को दुकान में प्रतिबंधित दवाएं मिलीं, जिसके बाद उन्होंने दुकान के मालिक अश्विनी कुमार की बाजार में परेड की.

मानसा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह द्वारा ट्विटर पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, परविंदर अपने समर्थकों और दोस्तों के साथ मानसा में एक दवा की दुकान में घुस गए और कथित तौर पर मालिक अश्विनी कुमार को दुकान से बाहर खींच लिया.

एसएसपी ने कहा, इसके बाद परविंदर सिंह ने अश्वनी के गले में जूतों की माला डाल दी और उसे बाजार में घुमाया. वे उसे शहर के पुलिस स्टेशन ले आए जहां उन्होंने उसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की. ”

एसएसपी ने आगे कहा कि, परविंदर सिंह द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, अश्विनी कुमार ने कथित तौर पर एक अज्ञात व्यक्ति को कैप्सूल का एक सेट दिया था.

हालांकि ये कैप्सूल एनडीपीएस एक्ट के तहत नहीं आते हैं, लेकिन आईपीसी की धारा 144 के तहत इन्हें प्रतिबंधित किया गया है. उस शिकायत पर अश्विनी कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. पूरी घटना का वीडियो फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर फैल गया. संज्ञान लेते हुए, कानून को अपने हाथ में लेने के लिए परविंदर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और पुलिस सक्रिय रूप से ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

परविंदर की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक शनिवार को उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए मानसा पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए. उनके पिता के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा. मीडिया से बात करते हुए परविंदर के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को थाने में बेरहमी से प्रताड़ित किया गया. प्रदर्शनकारियों ने अब परविंदर के समर्थन में 21 जुलाई को मानसा में इकट्ठा होने का आह्वान किया है.

थाने के अंदर यातना के आरोप पर दिप्रिंट ने कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए एसएसपी सिंह तक संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

इस बीच, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ-साथ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के नेता परविंदर के समर्थन में सामने आए हैं और एक मुखबिर की गिरफ्तारी के लिए सरकार की निंदा की है.


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वायरल वीडियो और सियासी हंगामा

परविंदर की गिरफ्तारी का एक कथित वीडियो जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट किया था, उसमें शनिवार तड़के परविंदर के घर के आसपास कम से कम दो दर्जन पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में परविंदर के पिता यह आरोप लगाते दिख रहे हैं कि जब उन्होंने अपने घर का गेट बंद करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और इस दौरान वह घायल हो गए.

इसके बाद पुलिसकर्मियों को छत के रास्ते घर में जबरन प्रवेश करते और परविंदर सिंह को बाहर खींचते हुए देखा गया, जबकि उनके परिवार के सदस्य देखते रहे.

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, जो तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार हैं, गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले व्यक्ति थे.

पंजाबी में एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान चलाने वाले किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने या धमकी देने के किसी भी कदम को केवल नशीली दवाओं के व्यापारियों के समर्थन के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, अगर सरकार वास्तव में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के बारे में गंभीर है, तो उसे “नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ने वालों का समर्थन लेना और देना” चाहिए.

एसजीपीसी ने भी घटना की निंदा की और मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की.

इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह से परविंदर को गिरफ्तार किया गया, उससे भगवंत मान सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े होते हैं.

उन्होंने कहा, परविंदर को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाने के बारे में मार्गदर्शन करने के बजाय, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जो बेहद निंदनीय है. वारिंग ने ट्वीट किया, “पंजाब को पुलिस राज में मत बदलिए.”

बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने गिरफ्तारी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा. सिरसा ने आरोप लगाया कि जो लोग पंजाब में ड्रग तस्करों के नेटवर्क का खुलासा कर रहे हैं उन्हें जेलों में धकेला जा रहा है.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: अलमिना खातून)


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