चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रोहताश सिंह को निलंबित करने का आदेश देने से पहले गरजते हुए कहा, “पुलिस सेवा में शामिल होने के दौरान ली गई शपथ को आप भूल गए होंगे, लेकिन मैं कैबिनेट में शामिल होते समय ली गई संविधान की शपथ को नहीं भूला हूं.”
यह और इस तरह के अन्य विस्फोट जैसे आदेशों ने विज को शोले के ‘गब्बर’ के नाम से नवाज़ा है. जानकारी मिली है कि सरकारी अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत के साथ-साथ ट्विटर पर भी फिल्म के संवादों का उपयोग करने की मंत्री की प्रवृत्ति के कारण निजी बातचीत में इस नाम का उपयोग करना शुरू कर दिया है.
ताजा घटना गुरुवार को हिसार जिले के किरोड़ी गांव की एक महिला द्वारा दर्ज तीन साल पुरानी पुलिस शिकायत पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के दौरान हुई. महिला ने आरोप लगाया था कि उसके गांव के एक व्यक्ति ने दो एकड़ जमीन में फैली उसकी गेहूं की फसल पर जहरीला पदार्थ छिड़क कर उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया था.
विज ने हिसार में 13 जनवरी को जिला शिकायत एवं जनसंपर्क समिति की बैठक के दौरान रोहताश सिंह को मामले में कार्रवाई करने को कहा था. हालांकि, गुरुवार को विज की अध्यक्षता वाली समिति की एक और बैठक के दौरान, महिला ने आरोप लगाया कि असली अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने केवल घटना देखी थी.
लेकिन, गुरुवार को विज के गुस्से का शिकार रोहताश सिंह नहीं हुए थे. बैठक के दौरान सिंह के उत्तराधिकारी, बरवाला डीएसपी गौरव शर्मा थे, जिन्हें हरियाणा के गृह मंत्री के क्रोध का सामना करना पड़ा था.
रोहताश सिंह को मई के दूसरे सप्ताह में राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीएसपी के रूप में स्थानांतरित किया गया था.
जब नाराज विज ने शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा कि उनके आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, तो डीएसपी ने कहा कि अभियुक्त के मोबाइल की लोकेशन के अनुसार, वे कथित अपराध के समय मौके पर नहीं था.
विज ने पलटवार किया और अधिकारी के निलंबन की मांग की, “क्या आपको लगता है कि आप एक कहानी सुनाएंगे और मैं आपके उत्तरों से संतुष्ट हो जाऊंगा? आपने मेरे आदेशों की परवाह नहीं की. आपने प्रक्रिया को धोखा देने के लिए एक कहानी गढ़ी.”
शिकायत समिति के अन्य सदस्यों के साथ-साथ जनता के कुछ सदस्यों ने विज को सतर्क किया कि शर्मा वे अधिकारी नहीं थे जिनसे उन्होंने जनवरी में बात की थी. इसके बाद हरियाणा के गृह मंत्री ने डीएसपी के पूर्ववर्ती रोहताश सिंह को तत्काल निलंबित करने का आदेश दे दिया.
संपर्क करने पर विज ने कहा कि हिसार में शिकायत पैनल की पिछली बैठक के दौरान उन्होंने शिकायतकर्ता को सुना और जानकारी को देखने के बाद डीएसपी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
विज ने शनिवार को फोन पर दिप्रिंट को बताया, “आरोपी को बचाने के लिए अधिकारी ने शिकायतकर्ता के एक गवाह को झूठे मामले में फंसा दिया. जब मैंने पुलिस से यह बताने के लिए कहा कि पिछली बैठक में दिए गए मेरे आदेशों पर क्या कार्रवाई की गई, तो वे बहाने बनाने लगे.”
गुरुवार की बैठक में विज ने अन्य मामलों में दो पटवारियों व एक डाटा एंट्री आपरेटर को निलंबित करने का भी आदेश दिया. ये निलंबन आदेश 2020 में रिपोर्ट किए गए एक इमिग्रेशन धोखाधड़ी मामले की जांच में लापरवाही के लिए तीन सब-इंस्पेक्टरों के निलंबन और चार स्टेशन हाउस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के तुरंत बाद आए.
हरियाणा में मनोहर खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में विज के मंत्री होने के पिछले साढ़े आठ वर्षों में ऐसे उदाहरण नए नहीं हैं. वे पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य और खेल मंत्री थे. दूसरे कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को बरकरार रखा और उन्हें गृह मामलों का प्रभार दिया गया.
यह भी पढ़ें: जब अंबाला कैंट के पार्क में हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने गाया ‘रमैया वस्तावइया’, सुर मिलाते नजर आए लोग
‘मैंने कितनों को निलंबित किया है इसकी गिनती नहीं है’
विज मानते हैं कि उन्हें याद नहीं है कि उन्होंने अब तक कितने अधिकारियों को निलंबित किया है.
गृह मंत्री अनिल विज ने दिप्रिंट से कहा, “कोई गिनती नहीं है. मैं तो बहुत ज्यादा लोगो को सस्पेंड कर चुका हूं. जहां भी मुझे लगता है कि कोई कर्मचारी जानबूझ कर कर अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं कर रहा. जनता को परेशान कर रहा है, मैं बख्शता नहीं हूं.”
यह पूछे जाने पर कि क्या इससे ज़मीनी स्थिति में सुधार हो रहा है, विज ने हां में जवाब दिया. उन्होंने कहा, “जब मैं एक कर्मचारी को निलंबित करता हूं, तो यह दूसरों को एक संदेश देता है कि यदि वे अपने कर्तव्यों में लापरवाही करते हुए पकड़े जाते हैं, तो मेरे संज्ञान में आने पर मैं उन्हें नहीं बख्शूंगा.”
अप्रैल 2015 में जब हरियाणा ने लिंग निर्धारण परीक्षण करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्रों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया, तो विज ने गब्बर के एक संवाद को ट्वीट किया था.
मैं ऐसे हालात पैदा करना चाहता हूँ कि दूर दूर तक जब कोई लिंग जांच के अल्ट्रासाउंड सेंटर जाये तो डॉक्टर कहे भाग जा नहीं तो अनिल विज आ जाएगा ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) April 13, 2015
उसके एक महीने बाद, उन्होंने प्रतिष्ठित सीन का एक और डायलॉग ट्वीट किया जब हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टिप्पणी की कि विज सीएम बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘जूनियर मंत्री’ बना दिया गया है.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि अनिल विज CM के उम्मीदवार थे । मैंने तो कभी कुछ बनने का सोचा नही परन्तु यदि मैं CM होता तो तेरा क्या होता कालिया
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) May 23, 2015
वरिष्ठ, लेकिन उपेक्षित
2014 में जब बीजेपी पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई थी, तब तक पांच बार विधायक रह चुके विज सबसे ज्यादा चुनाव जीतने के मामले में हरियाणा के सबसे वरिष्ठ नेता थे.
हालांकि, जब मंत्रिमंडल के गठन की बात आई, तो विज ने खट्टर (तब पहली बार के विधायक), राम बिलास शर्मा (चार बार के विधायक), कप्तान अभिमन्यु (पहली बार के विधायक) और ओ.पी. धनखड़ (पहली बार के विधायक) के बाद शपथ ली.
2019 में उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण गृह विभाग मिले क्योंकि शर्मा, अभिमन्यु और धनखड़ अपनी सीटों को बरकरार रखने में विफल रहे. हालांकि, दिसंबर 2020 में विज को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से हटा दिया गया था, जो पहले गृह पोर्टफोलियो का एक हिस्सा था.
2019 में अंबाला छावनी से छह बार के विधायक को खट्टर और दुष्यंत चौटाला के बाद जो कि डिप्टी सीएम बने, कैबिनेट में तीसरे स्थान पर रखा गया.
सिविल सेवक ने दिप्रिंट को बताया, “ऐसा लगता है कि यही कारण हो सकता है कि वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए चीज़ें करते रहते हैं और इस प्रक्रिया में कभी-कभी सरकार और सीएम को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अक्टूबर 2022 में विज को सार्वजनिक रूप से झिड़का था, जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक कार्यशाला के उद्घाटन पर अपने साढ़े आठ मिनट के भाषण के दौरान उन्हें चार बार टोका. शाह ने कहा था, “आपको पांच मिनट दिए गए थे. आपका समय समाप्त हो गया है”.
इस साल जनवरी में विज ने खट्टर सरकार द्वारा किए गए विभागों के युक्तिकरण में दो पोर्टफोलियो—तकनीकी शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को खो दिया है.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: हरियाणा में 8 लाख लोग नहीं उठा सकेंगे राशन कार्ड स्कीम का फायदा, खट्टर सरकार ने किया अयोग्य घोषित