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Saturday, 20 April, 2024
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हरियाणा में 8 लाख लोग नहीं उठा सकेंगे राशन कार्ड स्कीम का फायदा, खट्टर सरकार ने किया अयोग्य घोषित

हरियाणा में खट्टर सरकार द्वारा शुरू की गई पीपीपी (फैमिली आईडी) एक प्रमुख ई-गवर्नेंस योजना है. राज्य का दावा है कि यूपी भी इस पर विचार कर रहा है, लेकिन कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है.

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चंडीगढ़: हरियाणा में 8 लाख से अधिक परिवार राशन कार्ड के लाभ से वंचित होने के मसले पर राज्य में एक राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है, विपक्ष ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से गरीबों को मनमाने ढंग से बाहर करने का आरोप लगाया है.

राज्य विधानसभा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला के बयान के अनुसार, 8.41 लाख लोग ‘अयोग्य’ पाए जाने के बाद गुलाबी कार्ड और पीले कार्ड के लाभों से वंचित हो गए हैं.

सरकारी नियमों के मुताबिक, ग्रीन कार्ड गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों (एपीएल) को जारी किए जाते हैं, पीला गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के लिए है और सबसे गरीब लोगों के लिए गुलाबी यानी अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्ड बनाए जाते हैं.

मसले के केंद्र में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) या फैमिली आईडी है, जो राज्य सरकार की प्रमुख ई-गवर्नेंस योजना है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का दावा है कि पीपीपी योजना, जो 2021 के हरियाणा परिवार पहचान पत्र अधिनियम द्वारा शासित है, कल्याणकारी सेवाओं के कागज रहित वितरण को बढ़ावा देने के वास्ते लाई गई है.

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विपक्षी दल कांग्रेस, हालांकि, सरकार पर आरोप लगा रही है कि पीपीपी के माध्यम से राज्य के गरीबों को न केवल पीडीएस लाभ बल्कि उनकी वृद्धावस्था पेंशन से भी जानबूझकर वंचित किया जा रहा है.

बुधवार को फोन पर दिप्रिंट से बातचीत करते हुए, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया कि उन्हें शिकायतें मिली हैं कि “आय के बढ़ा-चढ़ा कर आंकड़े बताकर” जानबूझकर कई लोगों को पीडीएस योजना से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसी आधार पर लोगों को उनकी पेंशन से भी वंचित किया जा रहा है.

हुड्डा ने कहा, “दयनीय स्थिति में रहने वाले लोग शिकायत करते हैं कि उनके राशन कार्ड यह कहते हुए निरस्त कर दिए गए हैं कि पीपीपी में उनकी पारिवारिक आय कई लाख में है. इसके अलावा, लोगों ने मुझे बताया है कि उनकी आय के गलत आंकड़ों का हवाला देते हुए उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई है. इसकी वजह से 5 लाख से अधिक लोगों की वृद्धावस्था पेंशन चली गई है.”

दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि नागरिक संसाधन सूचना विभाग (सीआरआईडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर राशन कार्ड धारकों को अपात्र पाया गया.

सीआरआईडी हरियाणा सरकार का एक विभाग है जो पीपीपी योजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है.


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पीपीपी क्या है?

हरियाणा सरकार के अनुसार, पीपीपी का उद्देश्य “हरियाणा में सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटा बनाना” है.

फैमिली आईडी के लिए राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, “पीपीपी हरियाणा में प्रत्येक परिवार की पहचान करता है और परिवार की सहमति से प्रदान किए गए परिवार के बुनियादी डेटा को डिजिटल प्रारूप में रखता है.”

वेबसाइट के अनुसार, प्रत्येक परिवार को 8 अंकों की पारिवारिक आईडी प्रदान की जाएगी, जो जन्म, मृत्यु और विवाह के रिकॉर्ड से जुड़ी होगी. “ये इसलिए ताकि जन्म, मृत्यु, विवाह आदि का डेटा परिवाक के लोग स्वयं अपडेट कर सकें.”

आईडी, अन्य बातों के अलावा, “विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और पेंशन के लाभार्थियों के स्वचालित चयन को सक्षम करने के लिए” छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन जैसी स्वतंत्र योजनाओं से जुड़ी होगी.

वेबसाइट पर कहा गया है, “पारिवारिक आईडी डेटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग पात्रता निर्धारित करने के लिए किया जाएगा, जिसके माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों का स्वचालित स्व-चयन किया जाएगा.”

इसमें कहा गया है, “इसलिए, एक बार परिवारों का डेटाबेस बन जाने के बाद, परिवारों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की ज़रूरत नहीं होती. इसके अलावा, एक बार पीपीपी डेटाबेस में डेटा प्रमाणित और सत्यापित हो जाने के बाद, लाभार्थी को कोई और दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है.”

हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सरकार सभी सरकारी डेटाबेस और योजनाओं को कवर करने के लिए पीपीपी का दायरा बढ़ाने जा रही है.

इस महीने की शुरुआत में, खट्टर सरकार ने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इसी तरह की योजना को लागू करने पर विचार कर रही है.

‘खराब मूल्यांकन मानदंड’

वृद्धावस्था पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’ दिया जाता है.

सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार, पेंशन उन लोगों को दी जाती है, जिनकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होती है, बशर्ते कि व्यक्ति को किसी भी सरकार या स्थानीय वैधानिक निकाय से पेंशन प्राप्त न हो.

विधानसभा में एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि दिसंबर 2022 में 8,41,817 लोग राशन कार्ड के लाभ के लिए अपात्र पाए गए क्योंकि उनके परिवार की आय पीडीएस के लिए सीमा से अधिक थी.

येलो कार्ड के पात्र होने के लिए, चौटाला ने कहा, परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और गुलाबी कार्ड के लिए, उस आय से कम वालों की सूची में सबसे नीचे होना चाहिए.

वृद्धावस्था पेंशन पर हुड्डा के दावों के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उसी दिन एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा था कि पीपीपी डेटा के आधार पर 13 मार्च को 22,198 लोगों की वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई थी.

खट्टर सरकार की आलोचना करते हुए हुड्डा ने कहा कि परिवार की आय का आकलन करने के लिए एक वस्तुनिष्ठ मानदंड की कमी समस्या के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री था, स्व-घोषणा पर्याप्त सबूत था.”

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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