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Sunday, 24 November, 2024
होमदेशOTT प्लेटफार्म पर भी तंबाकू संबंधी चेतावनी दिखेगी, स्वास्थ्य मंत्रालय नए नियमों को लागू करने को तैयार

OTT प्लेटफार्म पर भी तंबाकू संबंधी चेतावनी दिखेगी, स्वास्थ्य मंत्रालय नए नियमों को लागू करने को तैयार

31 मई से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद वाले सीन के सामने ओटीटी प्लेटफार्म पर भी स्वास्थ्य संबंधित चेतावनी लिखी जाएगी. सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इंडस्ट्री के लोगों और अन्य हितधारकों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है.

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नई दिल्ली: 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA), 2003 के तहत नए नियमों को अधिसूचित करने की योजना बनाई है. इसकी जानकारी दिप्रिंट को मिली है. इन नियमों के तहत ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म या स्ट्रीमिंग सेवाओं पर अभिनेता के धूम्रपान करने वाले सीन के दौरान स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करने की जरूरत होगी.

नए नियमों के अनुसार, धूम्रपान के दृश्यों वाली सभी वेब सीरिज और फिल्मों को न केवल शुरुआत में ही, बल्कि बीच में जब इस तरह के दृश्य आएंगे तो उस समय स्वास्थ्य चेतावनी दिखाने की जरूरत होगी.

नाम न छापने की शर्त पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय, इंडस्ट्री के लोगों और अन्य हितधारकों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है.

COTPA के तहत मौजूदा नियमों में यह थिएटर और टेलीविजन चैनलों में दिखाई जाने वाली सभी फिल्मों और कार्यक्रमों की शुरुआत और मध्य में कम से कम 30 सेकंड के तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य स्पॉट प्रदर्शित होने का नियम है.

अधिनियम के तहत, फिल्मों को तंबाकू के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में एक ऑडियो-विजुअल डिस्क्लेमर प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है. साथ ही फिल्म और टेलीविजन कार्यक्रमों में तंबाकू उत्पादों संबंधित सीन के दौरान स्क्रीन के नीचे एक स्थित मैसेज के रूप में एक तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना होता है. 

इसके अतिरिक्त, मानदंड यह भी कहते हैं कि फिल्में या टीवी शो में सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों के ब्रांड या किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद प्लेसमेंट और तंबाकू उत्पाद के पैकेज के क्लोज-अप करके नहीं प्रदर्शित कर सकते हैं. 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा, “थिएटर, केबल या नेटवर्क टेलीविजन प्रसारकों द्वारा प्रदर्शित फिल्मों में इन नियमों का बहुत सख्ती से पालन किया जाता है, लेकिन चूंकि ओटीटी प्लेटफार्म इन अधिनियम के तहत नहीं आते हैं, इसलिए हमें शिकायतें मिल रही थीं कि वे उस उद्देश्य को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसके साथ COTPA लागू किया गया था.”

नॉन-प्रॉफिट वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्रोग्राम मैनेजर बिनॉय मैथ्यू ने दिप्रिंट से बात करते हुए सरकार के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “यह सबको पता है कि मीडिया में तम्बाकू इमेजरी के संपर्क में आने से किशोरों और युवा वयस्कों में तम्बाकू सेवन की संभावना बढ़ जाती है और यह संबंध आकस्मिक है.” 

उन्होंने कहा, “अगर सरकार फिल्मों और टीवी में तंबाकू के उपयोग की तरह ही ओटीटी प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करती है, तो यह एक वैश्विक लीडर बन जाएगी और समुदाय को एक मजबूत संदेश देगी.”


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ओटीटी में तंबाकू के उपयोग का चित्रण अधिक दर्शाता है

2020 में पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला था कि भारतीय किशोरों और युवा वयस्कों के बीच लोकप्रिय ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग शो, व्यापक तंबाकू उपयोग चित्रण की विशेषता थी, जो कि भारतीय फिल्मों की तुलना में अधिक देखी गई थी. 

अध्ययन में भारतीय युवाओं (15-24 वर्ष) के बीच दो सबसे लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफार्मों – नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम पर 10 सबसे लोकप्रिय सीरिज में 188 एपिसोड में तंबाकू इमेजरी पर सामग्री विश्लेषण शामिल था.

यह पाया गया कि प्रति घंटे तंबाकू की घटनाएं शून्य (बॉडीगार्ड, रिवरडेल, 13 कारण क्यों) से 106.1 (द मार्वलस मिसेज मैसेल) तक थीं. इसके अलावा, सीरिज के 70 प्रतिशत में तम्बाकू वाले दृश्य को दर्शाया गया है, जबकि किसी ने स्वेच्छा से COTPA के तहत ‘तंबाकू मुक्त फिल्म और टीवी नियम’ का पालन नहीं किया.

डॉ. समीर बाथम, सीनियर कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, एचसीजी कैंसर सेंटर, अहमदाबाद के अनुसार, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से चेतावनियां प्रदर्शित करके, तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरों और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का यह एक बड़ा अवसर है.

उन्होंने कहा, “यह पहल व्यापक दर्शकों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी तक पहुंचने में महत्वपूर्ण है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म का काफी उपयोग करते हैं. जनता की रक्षा करना और उन्हें शिक्षित करना हमारा नैतिक दायित्व है और यह कदम निस्संदेह तंबाकू से संबंधित नुकसान को रोकने और एक स्वस्थ समाज को बढ़ावा देने में योगदान देता है.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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