नई दिल्ली: जम्मू क्षेत्र में सेना के वाहन पर इस सप्ताह हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र के दावे के विपरीत जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के मामले बढ़ रहे हैं.
राज्यसभा सदस्य ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हमले की जगह से बरामद किए गए कारतूसों पर चीनी निशान पाए गए थे.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियां काफी हद तक कश्मीर घाटी तक ही सीमित थीं, लेकिन केन्द्र शासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र के पुंछ जैसे नए क्षेत्रों में अब हिंसक घटनाएं हो रही हैं और यह चिंता का विषय है.
उन्होने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में खत्म करने और इससे पहले 2016 में नोटबंदी के चलते पूर्ववर्ती राज्य में आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी लेकिन रक्षा और गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इन उपायों की घोषणा के बाद से वहां आतंकवाद की घटनाएं वास्तव में बढ़ गई हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू के हिस्से और आतंकवाद से अब तक मुक्त रहे पुंछ इलाके में बड़ा हमला हुआ है. अनंतनाग और पुलवामा (कश्मीर घाटी) में ऐसी घटनाएं होती थीं….अब नए इलाकों में आतंकी हमले होने लगे हैं.”
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को आतंकी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया. सेना ने कहा कि जिस वाहन में सैनिक यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात आतंकवादियों के निशाने पर आ गया और ग्रेनेड के संभावित इस्तेमाल के कारण उसमें आग लग गई.
सिंह ने दावा किया कि पुंछ में बरामद कारतूसों पर चीन के निशान हैं और यह नई बात सामने आई है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह इलाका ( जम्मू संभाग का पुंछ) एक तरीके से शांत था लेकिन अब वहां भी आतंकी घटना हुई है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसमें इस्तेमाल हुए जो कारतूस मिले हैं, उनपर चीन का निशान है. नई बात सामने आई है कि चीन की तरफ से भी इस प्रकार से आतंकवादी गतिविधियों को भारत में प्रश्रय दिया जा रहा है.’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ऐसा किनके माध्यम से हो रहा है?
केन्द्र की आलोचना करते हुए सिंह ने दावा किया कि रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, लेकिन प्रधानमंत्री यह घोषणा करते हैं कि किसी ने भी हमारे क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की और कब्जा नहीं किया.
सिंह ने आरोप लगाया कि इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री ने अपने ही रक्षा मंत्री के बयान को झूठ बताया.
उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा एक चीनी निवेशक के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में उद्योग विस्तार किए जाने का दावा करते हुए दिग्विजय सिंह ने सवाल किया, ‘‘क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है?’’
सिंह ने दावा किया कि ‘‘पिछले तीन वर्षों में जम्मू कश्मीर में 1,033 हमले हुए और 177 जवान शहीद हुए. 2019 में 594 हमले, 2020 में 244 हमले….., इस तरह से आतंकवादी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और हमारे जवानों के शहीद होने की संख्या भी बढ़ती जा रही है.’’
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