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Friday, 22 November, 2024
होमएजुकेशन'होमस्कूलिंग से लेकर कई एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स तक', UGC के नए क्रेडिट फ्रेमवर्क में हुए कई रिफॉर्म

‘होमस्कूलिंग से लेकर कई एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्स तक’, UGC के नए क्रेडिट फ्रेमवर्क में हुए कई रिफॉर्म

अंतिम नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई, जिसमें कहा गया है कि होमस्कूलिंग, ऑनलाइन शिक्षा और वैकल्पिक शिक्षण को मान्य किया जाना चाहिए और छात्रों को उनके लिए प्रमाण पत्र और डिप्लोमा दिए जाने चाहिए.

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नई दिल्ली: होमस्कूलिंग और स्कूल के अन्य वैकल्पिक तरीकों को शिक्षा के औपचारिक तरीके के रूप में स्वीकार किया जाना तय है. मंगलवार को अंतिम नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) रिपोर्ट में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत की स्कूली एजुकेशन सिस्टम में व्यापक बदलावों की सिफारिश की है, जिसमें छात्रों के लिए कई एग्जिट और एंट्री प्वाइंट्स और एक क्रेडिट सिस्टम शामिल है.

व्यापक नीति, जो मोदी सरकार की व्यापक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत आती है, उन छात्रों के लिए स्कूल स्तर पर कई एंट्री और एग्जिट विकल्प पेश करना चाहती है जो या तो व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जाना चाहते हैं या किसी कारण से स्कूल छोड़ना चाहते हैं.

यह उन कई छात्रों के लिए राहत के रूप में आ सकता है जिन्होंने महामारी के बाद होमस्कूलिंग का विकल्प चुना है. वर्तमान में होम स्कूलिंग पर कोई नीति नहीं है. छात्रों को आगे के अवसरों के लिए क्रेडेंशियल्स के रूप में अपने कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.

एनसीआरएफ का कहना है कि होमस्कूलिंग, ऑनलाइन शिक्षा और वैकल्पिक शिक्षा को मान्य किया जाना चाहिए और छात्रों को उनके लिए प्रमाण पत्र और डिप्लोमा दिया जाना चाहिए.

डॉक्युमेंट में कहा गया है कि, “ऐसे मौके आते हैं जब सीखने वालों को वैकल्पिक स्कूली शिक्षा, होमस्कूलिंग, ऑनलाइन स्कूली शिक्षा का सहारा लेना पड़ता है या विभिन्न कारणों से अपनी शिक्षा बीच में छोड़नी पड़ती है. नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क इस संबंध में एक इनेबलर के रूप में कार्य करेगा और नियामकों को उनके द्वारा पेश किए जा रहे कार्यक्रमों के प्रवेश और निकास मानदंड को परिभाषित करने की आवश्यकता होगी.“

यह सभी स्तरों पर क्रेडिट – एक छात्र द्वारा पूरा किए गए घंटों की संख्या और पूरा किए गए कोर्स वर्क के मुताबिक – स्थापित करने का भी प्रयास करता है. क्रेडिट सिस्टम कोर्सवर्क स्कोरिंग के मौजूदा सिस्टम को रिप्लेस कर देगा.

सबसे पहले पिछले अक्टूबर में विकसित किया गया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए जारी किया गया, एनसीआरएफ का उद्देश्य स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल को एक एसेसमेंट अम्ब्रेला के नीचे लाना है.

पॉलिसी डॉक्युमेंट कहता है, “फ्रेमवर्क संयुक्त रूप से कई शैक्षिक निकायों – UGC, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) व ‘स्कूल से कॉलेज तक छात्रों के बिना बाधा के ट्रांजिशन को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा विकसित किया गया है.”

यूजीसी के नोटिस ने स्कूलों को पॉलिसी को चरणों में लागू करने की सलाह दी.


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नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) द्वारा स्कूली शिक्षा में व्यापक बदलाव की सिफारिश के कुछ दिनों बाद दस्तावेज़ जारी किया गया है, जिसमें दो बोर्ड परीक्षाएं शुरू करना और व्यावसायिक शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कक्षा 10 के बाद बाहर निकलने का विकल्प शामिल है.

क्रेडिट सिस्टम

मंगलवार को जारी अंतिम नीति दस्तावेज में कहा गया है कि छात्रों को किसी भी पूर्व शिक्षा के आधार पर क्रेडिट मिलेगा, जिसमें “औपचारिक, अनौपचारिक या पारंपरिक तरीकों से अर्जित पारिवारिक शिक्षा” शामिल है.

पॉलिसी डॉक्युमेंट में कहा गया है, “यह परिवार की विरासत, कार्य अनुभव, क्लस्टर-आधारित शिक्षा और उसी को श्रेय देने के माध्यम से अर्जित शिक्षा को भी ध्यान में रखेगा, जिससे औपचारिक शिक्षा प्रणाली में प्रगति और गतिशीलता की अनुमति मिलेगी.”

फ्रेमवर्क के मुताबिक, एक शैक्षणिक वर्ष को एक छात्र द्वारा लगाए गए घंटों की संख्या से परिभाषित किया जाएगा और प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में उन्हें उसी के अनुसार क्रेडिट प्रदान किया जाएगा.

दस्तावेज़ में यह भी उल्लेख किया गया है कि कक्षा 5 से स्नातकोत्तर स्तर तक के सभी छात्रों को एक वर्ष में 1200 शैक्षणिक घंटे पूरे करने होंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट क्लासरूम टीचिंग/लर्निंग, लेबोरेटरी वर्क, क्लास प्रोजेक्ट्स, स्पोर्ट्स एंड गेम्स, योग, फिजिकल एक्टिविटीज, परफॉर्मिंग आर्ट्स, म्यूजिक, हैंडीक्राफ्ट वर्क, सोशल वर्क, एनसीसी, बैग-लेस डेज, एग्जामिनेशन, वोकेशनल एजुकेशन, प्रशिक्षण और कौशल के साथ-साथ फील्ड विजिट के के आधार पर दिए जाएंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉलेज में पढ़ने के दौरान छात्रों को ओलंपियाड, विज्ञान क्विज़, इंटर्नशिप और नौकरी करने के लिए भी क्रेडिट मिलेगा.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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