नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे संपादकीय में केंद्र की बीजेपी सरकार को जमकर फटकार लगाई. सोनिया ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा कि क्या विपक्ष को चुप करा देने से देश की समस्या खत्म हो जाएगी.
उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री जरूरी मुद्दों पर चुप हैं. विपक्ष को बोलने नहीं देते हैं. सरकार के काम से देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी प्रभावित होती है. लेकिन उन्हें लोगों की परवाह नहीं है. हम इसको लेकर जब उनसे सवाल पूछते हैं तो वह जवाब देने से बचते रहे हैं.’
सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग
अपने संपादकीय में सोनिया ने कई मुद्दों पर प्रकाश डाला. उन्होंने सदन में विपक्ष की आवाज दबाने, मीडिया की आजादी को खत्म करने, विपक्ष को परेशान करने, हिंसा को बढ़ाने, देश में नफरत बढ़ाने और लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
सोनिया ने लिखा कि भारत के लोग ये बात जान गए हैं कि देश के प्रधानमंत्री काम से ज्यादा बयान में विश्वास रखते हैं. प्रधानमंत्री अपने बयान से लोगों के मुद्दों को भटकाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने लिखा, ‘आज की सरकार सभी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बयानबाजी कर रही है. किसी भी खराबी के लिए जुबानी कसरत करना सरकार का काम रह गया है. सरकार समस्याओं का निदान न करके पिछली सरकारों पर उसका दोष मढ़ती है.’
लोकतंत्र के तीनों स्तंभ ध्वस्त को ध्वस्त करने की कोशिश
सोनिया ने बीजेपी सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा, ‘हम देख रहे हैं कि कैसे सरकार लोकतंत्र के तीनों स्तंभ- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला के लिए एक लाल लकीर की तरह है जो परेशान करने वाला है. यह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए खतरा है.’
उन्होंने कहा कि सरकार अडाणी जैसै महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देती और उन्होंने बदले की भावना के कारण बड़ी तेजी से राहुल गांधी की सदस्यता को खत्म कर दिया.
सदन में बहस नहीं
सोनिया ने लिखा कि सरकार सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस नहीं होने देती. विपक्षी नेताओं को बोलने का अवसर नहीं दिया जाता.
उन्होंने लिखा, ‘पिछले सत्र में विपक्ष को बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक विभाजन जैसे गंभीर मुद्दों को उठाने से रोका गया और बजट और अडानी घोटाले पर विपक्ष को चर्चा करने से रोकने के लिए सरकार की रणनीति देखी गई. मजबूत विपक्ष के लिए मोदी सरकार ने अभूतपूर्व उपायों का सहारा लिया.’
सोनिया ने आरोप लगाते हुए लिखा कि सरकार विपक्षी नेताओं के भाषणों को मिटा देती है.
उन्होंने लिखा, ‘जनता की भलाई से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण विषय 45 लाख करोड़ रुपये का बजट बिना किसी बहस के पास हो गया. जब वित्त विधेयक लोकसभा में पेश किया गया, प्रधानमंत्री मीडिया कवरेज में व्यस्त थे.’
सोनिया ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए लिखा कि सीबीआई के माध्यम से सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है. 95 प्रतिशत से अधिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए. सरकार ने मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की भी कोशिश की.
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने RSS को तमिलनाडु में मार्च निकालने की अनुमति दी, राज्य की अपील खारिज की