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Monday, 25 November, 2024
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कोरियाई बुद्धिस्ट कल्चर के साथ दिल्ली ने दक्षिण कोरिया-भारत संबंधों को किया सेलिब्रेट, बांटे फ्री एल्बम

दिल्ली की नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में दक्षिण कोरिया के जोग्ये ऑर्डर द्वारा "एन एनकाउंटर विथ कोरिया ट्रेडिशनल बुद्धिस्ट कल्चर इन इंडिया, द लैंड ऑफ बुद्धा" शीर्षक वाली प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.

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नई दिल्ली: “रणनीतिक भागीदारों” भारत और दक्षिण कोरिया के लिए कोरियाई में प्रार्थना करते हुए एक बौद्ध नन ने एक छोटी सी घंटी बजाई ताकि दोनों “देश ज्यादा धनी और शक्तिशाली बन सकें, और विश्व शांति पर एक मजबूत प्रभाव डाल सकें.” यह स्थान नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट था, जो दिल्ली में प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए प्रमुख स्थल है.

नन दक्षिण कोरिया में बौद्ध धर्म के सबसे बड़े संप्रदाय जोग्ये ऑर्डर से संबंध रखती हैं, जो भारत में बौद्ध धर्म को और अधिक संगठित करने में जुटा हुआ है.

जू क्यूंग, कोरियाई बौद्ध धर्म के जोग्ये ऑर्डर की केंद्रीय परिषद के अध्यक्ष वेन ने कहा, “यदि अवसर मिलता है, तो कोरियाई बौद्ध समुदाय बौद्ध धर्म के एक भारतीय संप्रदाय की स्थापना करने और स्वैच्छिक और स्वदेशी भारतीय बौद्ध मान्यताओं और प्रथाओं को ठीक से स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है.”

अभी हाल तक, बौद्ध मंदिरों के निर्माण के लिए डोनेशन और कोरियाई बौद्धों द्वारा भारत की यात्रा व्यक्तिगत स्तर पर होती रही है.

क्यूंग ने कहा, “लेकिन हाल के वर्षों में, जोग्ये ऑर्डर बौद्ध मंदिरों के निर्माण का काम और इसका समर्थन कर रहा है, और इस वर्ष हमारे पास बौद्ध तीर्थयात्रा भी थी. भविष्य में, जोग्ये ऑर्डर और भारत के बीच संबंधों को और विकसित करने की योजना है.”

20 मार्च को संपन्न हुए “अपनी तरह की पहली बौद्ध तीर्थयात्रा” आयोजित करने के बाद, कोरियाई दूतावास और इसकी सांस्कृतिक शाखा, कोरियन कल्चरल सेंटर इंडिया (केसीसीआई) के साथ मिलकर जोग्ये ऑर्डर ने 22 मार्च को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक महीने लंबी प्रदर्शनी शुरू की.

“ऐन एनकाउंटर विद कोरिया ट्रेडीशनल बुद्धिस्ट कल्चर इन इंडिया, दि लैंड ऑफ बुद्धा” शीर्षक वाली प्रदर्शनी, जो 30 अप्रैल तक चलेगी, बौद्ध पेंटिंग स्क्रॉल की मीडिया कला की एक सीरीज को दिखाती है जिसे ‘ग्वे बुल’ कहा जाता है, जलती हुई कोरियाई पारंपरिक लालटेन जिसे ‘यॉन्गेनघो’ कहा जाता है ‘ और टेंपल स्टे के विषय के साथ 70 से अधिक तस्वीरें, एक कार्यक्रम जो आगंतुकों को कोरियाई बौद्ध भिक्षुओं द्वारा प्रेक्टिस किए जाने वाले मठ के जीवन का पहला अनुभव प्राप्त करने की अनुमति देता है.

Paper lanterns on display at the exhibition at NGMA | Photo by Monami Gogoi | ThePrint
एनजीएमए में प्रदर्शनी में प्रदर्शित पेपर लालटेन | मोनामी गोगोई, दिप्रिंट

प्रदर्शनी में पांच दिवसीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया गया, जहां आने वालों ने पारंपरिक हाथ के पंखे को डैन्चॉन्ग (कॉस्मिक डिजाइन की सजावटी कला) नाम के डिजाइनों से रंगना सीखा, कोरियाई बौद्ध ग्रंथों की पर वुडब्लॉक पेंटिंग करना सीखा, और लोटस लालटेन और मालाएं बनानी सीखीं.

के-पॉप फ्री एल्बमों की पावर

प्रदर्शनी स्थल पर अतिथियों, अधिकारियों, कलाकारों और आम जनता सहित आश्चर्यजनक रूप से 400 लोगों ने भाग लिया.

केसीसीआई के पीआर और मीडिया प्रमुख कंघुन किम ने कहा कि आने वालों में से अधिकांश केसीसीआई द्वारा संचालित कोरियाई भाषा संस्थान सेजोंग हकडांग के छात्र थे, जबकि कई कोरियाई संस्कृति के प्रति उत्साह से भरे थे, जो एक मुफ्त के-पॉप एल्बम प्राप्त करना चाहते थे. – उन्होंने यह नहीं कहा. उन्होंने पिछले वाक्य में केवल संख्या दी थी, लगभग 100 लोग वीआईपी, कलाकार और अधिकारी थे और बाकी 300 आम जनता थी.

Lucky winners with copies of K-pop albums distributed by KCCI | Photo by special arrangement
केसीसीआई द्वारा बांटे गए के-पॉप एल्बमों की प्रतियों के साथ विजेता । स्पेशल अरेंजमेंट

प्रदर्शनी से एक दिन पहले, केसीसीआई ने एक ‘अर्ली बर्ड’ कार्यक्रम की घोषणा की, जहां तीन के-पॉप बैंड – बीटीएस, ब्लैकपिंक और एनसीटी ड्रीम्स के 20 एल्बमों को पाया जा सकता था. अर्ली बर्ड्स में से एक, 21 वर्षीय इशिता त्रिपाठी सुबह 8 बजे एनजीएमए के गेट पर थी. एल्बम दिए जाने की शुरुआत 10:30 बजे होने वाली थी लेकिन उसने देखा कि उसके प्रतिद्वंद्वी सुबह 6 बजे से ही चक्कर काट रहे हैं. इशिता इम्तिहान मे पास हुई क्योंकि उसने अपना पहला फिजिकल के-पॉप एल्बम, एनसीटी ड्रीम्स बीटबॉक्स हासिल किया. उसके दोस्त कार्तिक श्रीवास्तव को ब्लैकपिंक का बॉर्न पिंक एल्बम मिला.

इशिता ने कहा, “कम से कम 70 लोग एलबम दिए जाने की प्रक्रिया शुरू होने के पहले कतार में थे.”

प्रियांशु मजूमदार, उनके दूसरे दोस्त, जो सुबह 9:30 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, बहुत देर से पहुंचे थे. उन्होंने मजाक में कहा, “के-पॉप अर्ली बर्ड कंटेंट जीतने की तुलना में यूपीएससी शायद आसान है.”

People waiting in the queue for the 'early bird' contest hoping to get a copy of a K-pop album on the NGMA premises | Photo by special arrangement
एनजीएमए परिसर में के-पॉप एल्बम की एक प्रति पाने की उम्मीद में ‘अर्ली बर्ड’ प्रतियोगिता के लिए कतार में इंतजार कर रहे लोग । फोटोः स्पेशल अरेंजमेंट

प्रतिभागियों में से एक मीनू मीक ने अनुभव को अद्भुत बताया. 19 वर्षीय दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र ने कहा, “मैंने वुडब्लॉक प्रिंटिंग और पंखा बनाने का काम किया, जो वास्तव में एक अच्छा अनुभव था. मैंने एक बीड ब्रेसलेट भी बनाया, और वास्तव में यह काफी अच्छा अनुभव था. मैं लोटस लालटेन बनाने की गतिविधि में भी हिस्सा लेना चाहता था लेकिन सामान खत्म हो गया था.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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