scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशSC ने बुलेट ट्रेन को लेकर बॉम्बे HC के खिलाफ गोदरेज एंड बॉयस की अपील पर विचार से किया इनकार

SC ने बुलेट ट्रेन को लेकर बॉम्बे HC के खिलाफ गोदरेज एंड बॉयस की अपील पर विचार से किया इनकार

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह अपील पर विचार नहीं करेगी और बॉम्बे एचसी के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.

Text Size:

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बुलेट ट्रेन परियोजना को हरी झंडी देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें कंपनी ने मुंबई के विक्रोली इलाके में उसकी जमीन के अधिग्रहण की चुनौती दी गई थी.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह अपील पर विचार नहीं करेगी और बॉम्बे एचसी के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. कोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की अपील पर सुनवाई कर रहा था.

9 फरवरी, 2023 को, सुप्रीम कोर्ट ने गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के तहत उचित मुआवजा की मांग की थी.

याचिका में कहा गया है कि कई प्रतिवादियों की ओर से उचित मुआवजा अधिनियम द्वारा निर्धारित तरीके से संपत्ति हासिल करने में नाकामी को देखते हुए, संपूर्ण भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को धारा 25 के तहत खत्म करने घोषित की मांग की थी.

खासतौर से, कंपनी के स्वामित्व वाली भूमि के अधिग्रहण को लेकर कंपनी का महाराष्ट्र सरकार के साथ टकराव चल रहा है.

कंपनी ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन, अधिनियम में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 25 के पहले प्रावधान की संवैधानिकता को भी चुनौती दी थी.

याचिकाकर्ता ने कहा कि बॉम्बे एचसी का फैसला पूरी तरह से इस बात को लेकर विफल रहा है कि याचिकाकर्ता को अधिनियम के तहत अधिग्रहण की कार्यवाही को चुनौती देने से नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि जवाब देने वालों ने वास्तव में इस तथ्य को दबा दिया था कि उन्होंने अधिनियम के तहत अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की थी.


यह भी पढ़ें: SC ने मेंस्ट्रुअल लीव की मांग वाली PIL खारिज की, जानें अन्य देशों में क्या है प्रावधान


 

share & View comments