श्रीनगरः भारतीय वायुसेना द्वारा जैसे ही मंगलवार को सुबह पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमले की खबर आई. श्रीनगर में लोग पेट्रोल पंप के सामने ईंधन भरवाने के लिए अपनी कारों को लेकर कतार में लग गये.
जम्मू एंड कश्मीर के बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में काम करने वाले रैनावारी पेट्रोल पंप पर अपनी मारुति 800 में ईंधन भरवाने आये जहूर अहमद ने कहा, ‘मैं आम तौर पर अपनी कार का इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन आज सुबह जब मैंने भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान में हमले की कार्यवाई के बारे में सुना तो मैंने तुरंत बिना मौका गंवाये किसी आपात हालत को देखते हुए कार का टैंक भरवाना तय किया. मैं 40 मिनट से अपनी कार में इंतजार कर रहा हूं.
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बिना किसी कर्फ्यू या बंद के बावजूद पुराने श्रीनगर के बाजार सहित कई जगहों की सड़कें वीरान नज़र आईं.
अलगाववादियों के घर में छापे
तड़के जम्मू एंड कश्मीर पुलिस की जेकेएलएफ नेता यासिन मलिक के घर छापेमारी से भय पैदा हुआ. एनआईए ने हजरतबल के निगीन में मीरवाइज उमर फारूक के घर भी छापेमारी की. जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न लेने की शर्त पर बताया, ‘छापेमारी की कार्यवाई जारी है. इसे एनआईए कर रही है. हम केवल एनआईए टीम को सपोर्ट कर रहे हैं. यहां हालात बहुत नाजुक बने हुए हैं, लेकिन नियंत्रण में हैं.’
रैनावारी में कार एसेसरी की दुकान चलाने वाले ताहिर अहमद ने कहा कि इस हालात से व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा, कर्फ्यू के कारण आधा दिन हमने दुकानों के शटर गिराये रखे, इस तरह हम अपना व्यापार कैसे करें? आज जब मैं घर से निकला, तो आश्वस्त नहीं था कि मैं अपनी दुकान खोल पाऊंगा. हालात नवम्बर से ही बिगड़े हैं, जब से अनुच्छेद 35ए के साथ छेड़छाड़ की बात शुरू हुई है. अहमद ने कहा पहले एक लाख की कमाई थी अब घट कर 50 हजार हो गई है.
बेवजह की घबराहट पैदा की गई
हालांकि श्रीनगर के लोग अपने काम पर आम तौर पर जा रहे हैं, लेकिन वे चारो तरफ अनिश्चितता को लेकर भय महसूस कर रहे हैं.
मुनावाराबाद के निवासी इम्तियाज हुसैन ने कहा, कोई भी सच्चाई नहीं बता रहा है. हमें दवा और राशन को स्टॉक करने के लिए कहा जा रहा है. कल जब मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तो पत्नी का फोन आया कि वहां 10 दिन कर्फ्यू लगाने की बात चल रही है, इसलिए मैंने महीने भर का राशन खरीद कर लाया.
हुसैन, जो कि श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलिजी (एनआईटी) में काम करते हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते से छात्र उन्हें वापस लौटने के लिए ई-मेल की बौछार कर रहे हैं. कहा, ‘संस्थान अभी बंद है, और यह 5 मार्च को खुलेगा. हमारे 80 फीसदी छात्र छात्रावास में रहते हैं, और वह भय के कारण घर लौटना चाहते हैं.
‘मैं सोचता हूं यह एक बेवजह की घबराहट है, जो कि बन गई थी’
एनआईटी के डायरेक्टर राकेश सहगल ने कहा कि प्रशासन जिस भी तरीके से संभव है छात्रों को आश्वस्त करने का प्रयास कर रहा है. सहगल ने कहा, ‘जब वह खबर सुने तो डर गये. लेकिन हमने उन्हें बताया है कि एनआईटी कैंपस में कोई डर नहीं है. लेकिन अगर वे लगातार घबराहट महसूस कर रहे हैं, तो वे घर लौट सकते हैं और दोबारा वापस जा सकते हैं. हिमाचल के रहने वाले सहगल ने कहा कि उन्हें भी घर लौटने के लिए फोन आ रहा है जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते.
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युद्ध जैसा माहौल बनाने पर मीडिया को लेकर गुस्सा
श्रीनगर के लोगों ने मीडिया पर युद्ध जैसा माहौल बनाकर आग भड़काने का आरोप लगाया है. जम्मू और कश्मीर बैंक के बिजनेस एक्युजिशन के प्रमुख एजाज उल कैय्यूम ने दिप्रिंट को बताया, ‘आम कश्मीरी युद्ध नहीं चाहता. आप किसी से भी बात कर सकते हैं.हम भारत के बाकि हिस्सों में रहने वाले लोगों की तरह जीना चाहते हैं. लेकिन यह मीडिया है जो कश्मीरियों को एंटी नेशनल बनाकर माहौल को दूषित कर चुका है.
कार एसेसरी के मालिक ताहिर अहमद ने संवादाता से कहा ‘आप लोग जलते कश्मीर के लिए जिम्मेदार हैं. आप लोग गैरजरूरी नाटक पैदा किए हुए हैं.
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