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Wednesday, 24 April, 2024
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बालाकोट के पास स्थित पहाड़ी की यह चोटी, वायुसेना के हमले की संभावित जगह है

विदेश सचिव विजय गोखले द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुरूप वायुसेना के हमले के संभाव्य लक्ष्य की पहचान के लिए दिप्रिंट ने उपग्रह चित्रों की मदद ली है.

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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में मनसेहरा जिले के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया.

विदेश सचिव विजय गोखले ने अपने बयान में ‘गैर-सैनिक निवारक’ हमले की पुष्टि करते हुए कहा: ‘खुफिया सूचनाओं के आधार पर आज तड़के की गई कार्रवाई में, भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया. इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में जैश के आतंकवादी, प्रशिक्षक, सीनियर कमांडर और फिदायीन हमलों के लिए ट्रेनिंग पा रहे जिहादियों के समूहों का खात्मा कर दिया गया. बालाकोट का यह शिविर जैश प्रमुख मसूद अज़हर के जीजा मौलाना युसूफ़ अज़हर (उर्फ उस्ताद गौरी) के नेतृत्व में चलाया जा रहा था.’


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‘भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से निबटने के लिए सभी संभावित उपाय करने के प्रति मज़बूती और दृढ़ता से कृतसंकल्प है. इसीलिए विशेषकर जैश के शिविर को निशाना बनाने के लिए यह गैर-सैनिक निवारक कार्रवाई की गई.’
दिप्रिंट ने भारतीय वायुसेना के हमले के संभावित लक्ष्य की पहचान के लिए उपग्रह चित्र हासिल किए हैं.

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कर्नल विनायक भट्ट द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीर/ दिप्रिंट

संभावित स्थल

हमले के संभावित लक्ष्य के बारे में गोखले ने अपने बयान में कहा: ‘लक्ष्य का चयन करने में हमने इस बात का ध्यान रखा कि हमले में आम नागरिक हताहत नहीं हों. यह शिविर असैनिक आबादी से बहुत दूर घने जंगलों में पहाड़ी की एक चोटी पर स्थित है. चूंकि हमला कुछ ही देर पहले हुआ है, इसलिए हम और विवरणों का इंतजार कर रहे हैं.’

गोखले की बातों से जाबा टॉप नामक पहाड़ी पर स्थित एक शिविर का संकेत मिलता है, जो बालाकोट और मनसेहरा के मध्य स्थित है. यह शिविर नियंत्रण रेखा से करीब 65 किलोमीटर दूर था और हमले के वक़्त वहां कोई 200-300 आतंकवादी मौजूद थे.

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यह शिविर करीब 50 हेक्टेयर इलाके में फैला हुआ, और नज़र रखने के अधिकांश खुफिया साधनों की पहुंच से बहुत दूर था.

संभावित लक्ष्य की उपग्रह तस्वीरों में वहां 40 मी. X 30 मी. आकार की कई बैरकों के साथ-साथ 100 मी. X 25 मी. आकार के एक मैदान की मौजूदगी के संकेत मिलते हैं. घने पेड़ों से घिरे शिविर में छह बैरकें थीं, और हर बैरक दो या तीन मंजिली थी. सूत्रों का कहना है कि पूरा शिविर हमले में नष्ट हो गया.


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थोड़ी दूरी पर शिविर स्थल की ओर आने वाले मुख्य मार्ग पर आवाजाही को नियंत्रित रखने के लिए प्रयुक्त एक बड़ा भवन भी है.

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कर्नल विनायक भट्ट द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीर/ दिप्रिंट

यहां यह उल्लेखनीय है कि यह विदेश सचिव गोखले द्वारा प्रस्तुत हमले के लक्ष्य के विवरण के अनुरूप एक संभाव्य ठिकाना मात्र है. भारत सरकार ने अभी निशाना बनाई गई जगह की सटीक स्थिति नहीं बताई है.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(कर्नल विनायक भट (सेवानिवृत्त) भारतीय सेना के एक सैन्य खुफिया अधिकारी रहे हैं,जिन्हें उपग्रही इमेजरी विश्लेषण का विशाल अनुभव है)

(स्नेहेश एलेक्स फिलिप के इनपुट के साथ)

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