नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को वाट्सऐप को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार को 2021 में दिये अपने इस हलफनामे को सार्वजनिक करे कि वह उसकी नयी निजता नीति पर सहमति नहीं जताने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोग की सीमा तय नहीं करेगा.
न्यायमूर्ति के एम जोसफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने वॉट्सऐप से कहा कि सरकार को दिये गये हलफनामे को सार्वजनिक करने के लिए पांच अखबारों में विज्ञापन दिया जाए.
पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल रहे.
पीठ ने कहा, ‘हम पत्र में (सरकार को लिखे गये) अपनाये गये रुख पर संज्ञान ले रहे हैं और वॉट्सऐप के वरिष्ठ वकील की दलीलों पर संज्ञान ले रहे हैं कि वे सुनवाई की अगली तारीख तक पत्र की शर्तों का पालन करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम वाट्सऐप को यह निर्देश भी देते हैं कि इस पहलू के बारे में पांच राष्ट्रीय अखबारों में दो बार वाट्सऐप के उपभोक्ताओं को जानकारी दी जाए.’
शीर्ष अदालत कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी नामक छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें वाट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के बीच उपयोगकर्ताओं के कॉल, तस्वीरें, संदेश, वीडियो और दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिए हुए समझौते को चुनौती दी गयी थी और इसे लोगों की निजता और बोलने की आजादी का उल्लंघन करार दिया गया थी.
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